भक्ति की अनोखी गंगा और सेवादार प्रेमजी गुरुजी,


झांकी वाले बालाजी मंदिर में पांच दिवसीय अखण्ड राम नाम संकीर्तन

श्रीगंगानगर,:श्रीगंगानगर शहर का चप्पा चप्पा इन दोनों श्री राम जय राम जय जय राम के संकीर्तन से गूंज रहा है ।अवसर है सिद्ध श्री झांकी वाले बालाजी शक्तिपीठ में पांच दिवसीय वार्षिक उत्सव का ।
सुबह से लेकर शाम तक लगातार भक्तों का आना मंदिर में जारी है और झांकी वाले बालाजी मंदिर के जय जयकारों के बीच भक्तों के मन्नत मांगने का भी सिलसिला लगातार बना हुआ है। सिद्धपीठ श्रीझांकी वाले बालाजी मंदिर के वार्षिकोत्सव के तहत पांच दिवसीय कार्यक्रम में लड्डूगोपाल भी संकीर्तन सुन रहे हैं। मंदिर परिसर में लड्डूगोपाल जी को विराजमान करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। मंडल सदस्य इनको भोग भी लगाकर इनका चाव करते हैं। इसके साथ- साथ मंदिर में श्रद्धालु चोकलेट, ड्राईफ्रूट का भोग और सवामनियो प्रसाद लगाकर अपने हाथों से श्रद्धालुओं को वितरित कर रहे है। मंदिर के सेवादार व्यवस्थाओं में लगे रहे।

सिद्धपीठ श्रीझांकी वाले बालाजी भजन मंडल के मुख्य सेवादार प्रेम अग्रवाल ने बताया कि मंदिर में श्रीगंगानगर सहित आसपास के गांव- शहरों के साथ-साथ पंजाब, दिल्ली व हरियाणा से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। हालांकि बाहर से आने वाले अधिकांश श्रद्धालु अपने रिश्तेदार मंडल सदस्योंं के घर रुके हैं, फिर भी बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जाट समाज संस्था, श्रीबालाजी बगीची एवं बाबा खेत्रपाल मंदिर के सामने स्थित श्रीबालाजी कुटिया में ठहरने की व्यवस्था की गई है।

*विनम्रता और सेवा भाव की मूर्ति प्रेमजी गुरुजी*

पांच दिवसीय इस आयोजन के बीच मंदिर के प्रमुख सेवादार प्रेमजी गुरुजी बताते हैं कि आज से 45 साल पहले जब उनके प्रभु की लो लगी तो आज तक लगातार उसी में उनका जीवन प्रकाशमान रहा ,ओर आशा है कि इस संसार से भी इसी प्रभु की आश के सहारे पार हो जाए।

भुजिया व्यापारी प्रेम अग्रवाल से कब वे प्रभु कृपा से प्रेम जी गुरुजी हो गए इसका पता ही नही चला।
हर दिन हजारों भक्तों की भीड़,जयजयकार की गूंज,पर शहर को पवित्र बनाए रही है वही श्रद्धालुओं के मन को भी भावविह्वल कर रही है।

झांकी वाले बालाजी मंदिर में आज बालाजी महाराज के आशीर्वाद और प्रेम जी गुरु जी की सेवा और स्नेह तथा विनम्रता का हर कोई कायल है मंदिर का शानदार प्रबंधन हालाकि बालाजी के सैकड़ो भक्तों के सहयोग से पूरा होता है मगर इसमें प्रेम जी गुरु जी का स्नेहिल सानिध्य हर किसी को असीम शांति देता है।
प्रेम जी बताते हैं कि यह यह सारा प्रभु कृपा के बिना संभव नहीं है। प्रेम जी का कहना है कि प्रभु की कृपा से उन्होंने अपना शेष जीवन प्रभु की सेवा में ही लगाने की ठान ली है, आज संपूर्ण मन वचन और कर्म से वे प्रभु की सेवा में ही अपना जीवन लगाने का संकल्प कर चुके हैं।

गौरतलब है कि इन दिनों उन्होंने अपनी भुजिया फैक्ट्री को भी अपने प्रभु को अर्पित करके इस कुटिया का रूप दे दिया है।

इस कुटिया की जगह पर अच्छी भली भुजिया की फैक्ट्री चल रही थी, इसे कुटिया बनाने का क्या विचार आया इस बारे में प्रेम जी स्पष्ट करते हैं कि यह सही है कि लगभग 33 सालों तक इस जगह पर लगातार हमने भुजियो का व्यवसाय किया ,यह काफी अच्छा फायदे का सौदा भी रहा, मगर कुछ महीना पहले जब इसके साफ-सफाई की गई इसमें रंग रोगन करवा कर इसको शानदार रूप दिया गया ,,तब मेरे परिवार के सदस्यों का विचार था कि इतनी शानदार जगह को विभिन्न व्यवसाययों के लिए किराए पर दे दिया जाए तो 70_ 80 हजार रुपए महीने का किराया भी आ जाएगा. मगर उनकी बात को सुनने के बाद एक रात अचानक उनके दिमाग में प्रभु की कृपा सेप्रेरणा हुई और विचार आया और बाद में उन्होंने अपनी इस फैक्ट्री को अन्यत्र संचालित किया तथा इस जगह को प्रभु को समर्पित करते हुए इसे बालाजी कुटिया का रूप दे दिया और अब बाहर से आने वाले यात्री भी इस जगह पर बैठकर प्रभु का ध्यान करते हैं, प्रभु के भक्त बाहर से आने वाले यहां पर रह सकते हैं इसका कोई भी किसी प्रकार का शुल्क वगैरा भी नहीं लिया जाता।
झांकी वाले मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह विश्व का एकमात्र मंदिर है जहां पर मूर्ति की बजाय तस्वीर की पूजा की जाती है झांकी वाले बालाजी मंदिर के मुख्य गर्भ ग्रह में जहां बालाजी के मूर्ति प्रमुख है एक साइड में श्री राम तथा दूसरी साइड में

प्रेम अग्रवाल जी से प्रेम गुरु जी के बीच का सफर सिर्फ स्नेह प्रेम और प्रभु की भक्ति से ही जुड़ा हुआ है उनका कहना है कि भगवान की इच्छा है कि वह अपने भक्त को किस तरह से पूजा वेट हैं यह उनका ही करम है कि आज यहां हम हैं

_भक्तो का सत्कार भी भगवान की तरह_

वार्षिकोत्सव के इन दिनों मंदिर बाहर से आने वाले इन श्रद्धालुओं के लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था भी की गई है। मंदिर में बुधवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने धोक लगाई। मंगलवार दोपहर तक दो सो से अधिक सवामणियों का भोग लगाया जा चुका है। अग्र सेवा समिति की ओर से फलों की सवामणि का भोग लगाकर वहां आए हुए श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित कर दिया जाता है। अग्र सेवा समिति के अध्यक्ष किशन खारीवाल व नितिन खारीवाल के नेतृत्व में समिति सदस्य एवं पदाधिकारी इस सेवा में लगे हुए हैं। मंडल सदस्य भरत अग्रवाल के नेतृत्व में बाहर के श्रद्धालुओं ने एक दर्जन से अधिक सवामणियों का भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया। मंदिर में चल रहे अखण्ड राम नाम संकीर्तन में सुरेन्द्र सिंगल पुजारी, मदनगोपाल अग्रवाल, राजकुमार सिंगल, शंकरलाल बजाज व ब्रिजेश तलवार के नेतृत्व में संकीर्तन मंडली गठित की गई है। शहर में बाबा के भक्त अपने आप को भाग्यशाली समझते है को बाबा हनुमत का दरबार उनके शहर में है।