ग्राम पंचायत तालदेवरी में हर्षोल्लास से मनाया गया आज़ादी का 78वां स्वतंत्रता दिवस

तालदेवरी (जांजगीर-चांपा)। ग्राम पंचायत तालदेवरी, विकासखंड बम्हनीडीह में स्वतंत्रता दिवस का पर्व इस वर्ष भी अपार जोश और गहरी देशभक्ति की भावना के साथ मनाया गया। 15 अगस्त की सुबह से ही पंचायत भवन परिसर तिरंगे के रंगों में नहा चुका था। देशभक्ति गीतों की गूंज और बच्चों के चेहरों की चमक ने माहौल को और भी प्रेरणादायक बना दिया।

मुख्य अतिथि के रूप में ग्राम सरपंच श्रीमती सीमा सुकलाल सोनवानी ने राष्ट्रध्वज फहराकर सलामी दी। तिरंगे के लहराते ही "जन गण मन" की मधुर स्वर लहरियां वातावरण में गूंज उठीं और सभी की आंखों में गर्व की चमक दिखी।

इस गरिमामयी अवसर पर उपसरपंच श्री मुनीराम साहू सहित पंचायत के सभी पंच श्रीमती प्रीति साहू, श्री श्रीराम साहू, श्रीमती मुनिया बाई यादव, श्रीमती मंजूलता राजपूत, श्रीमती सावित्री बाई मनहर, श्रीमती शुकवारा बाई खुंटे, श्रीमती रमा देवी साहू, श्रीमती कशिश देवी मनहर, श्री कलेश्वर खुंटे, श्री हरबचन खुंटे, श्री रथराम खुंटे, श्री जयपाल साहू, श्रीमती पूजा आजाद, श्रीमती मोहर बाई मनहर, श्रीमती बद्रिका खुंटे, श्री गनपत कुरें, श्रीमती जानकी बाई साहू और श्री परसराम दिवाकर विशेष रूप से उपस्थित रहे।

गांव के गणमान्य नागरिकों में श्री तिरीथ राम यादव, श्याम लाल रात्रे, शिव कुमार साहू, बट्टू लाल, छबीलाल साहू, कलानाथ मनहर, लहाराम साहू, लाला साहू, गणेश राम खूंटे, राजेंद्र आजाद, मोहन दास (कोटवार) सहित कई अन्य ग्रामीणों की भी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम का संचालन ग्राम पंचायत सचिव श्री संदीप साहू ने किया। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी ही हमारी आज़ादी की असली ताकत है, जिसे हमें संजोकर रखना है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों ने देशभक्ति गीत, कविताएं और नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित जनों का मन मोह लिया। "वंदे मातरम" और "सारे जहाँ से अच्छा" के स्वर सुनकर बुजुर्गों की आंखें नम हो गईं।

कार्यक्रम के समापन पर सभी को मिठाई वितरित की गई और आपसी एकता, भाईचारे तथा देश सेवा का संकल्प लिया गया।

इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि तालदेवरी में देशभक्ति केवल शब्द नहीं, बल्कि दिलों में बसी एक अटूट भावना है। यहां तिरंगे के नीचे हर दिल एक है और हर सांस में मातृभूमि के प्रति प्रेम समाया हुआ है।

समीर खूंटे की कलम से | CitiUpdate