हरदोई में कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय कांड में नया मोड़, फायर टीम की गुपचुप मुलाकात ने खोली भ्रष्टाचार की परतें, सिस्टम पर खड़े हुए सवाल

हरदोई। नघेटा रोड स्थित कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय में बुधवार को लगी आग की घटना के बाद अब प्रशासनिक तंत्र पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। आग तो बुझ गई, लेकिन अब इस मामले में भ्रष्टाचार की लपटें उठने लगी हैं।
गुरुवार को शहर में उस समय सनसनी फैल गई जब सीज किए गए अस्पताल के संचालकों से मिलने फायर ब्रिगेड की टीम एक रहस्यमय घर पहुंची। टीम में फायर ब्रिगेड निरीक्षक शिवराम यादव, उप निरीक्षक सुशील कुमार सिंह और एक कांस्टेबल शामिल थे। यह मुलाकात कीर्ति कृष्णा अस्पताल के ठीक बगल वाले घर में हुई, जहां एक पीसीएस अधिकारी का नाम दर्ज है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जब फायर ब्रिगेड टीम उस घर से बाहर निकली तो उन्होंने कैमरों से बचने के लिए चेहरा छिपा लिया और कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सवाल उठने लगे हैं कि जब अस्पताल को सीज किया गया है, FIR दर्ज हो चुकी है और NOC नहीं है, तो फिर निजी मुलाकात का औचित्य क्या है।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी महेश प्रताप सिंह ने पहले इसे गलत बताया, लेकिन बाद में अपने बयान से पलटते हुए कहा कि संभवतः नुकसान का आंकलन करने गए हों।
इस मुलाकात ने संदेह गहरा कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि पहले जिन कामों के लिए 15,000 रुपये लिए जाते थे, अब उन्हीं के 60,000 रुपये तक मांगे जा रहे हैं।
यह सिर्फ एक आगजनी की घटना नहीं, बल्कि भ्रष्ट तंत्र के चेहरों से नकाब हटने की शुरुआत लगती है। अब देखना यह होगा कि जांच में असल दोषी कौन साबित होता है।