वन विभाग हमेशा ही अपने अजीबो गरीब कारनामो से सुर्खियों में रहता है ऐसा ही एक मामला मुंगेली वन मंडल के खुड़िया परिक्षेत्र का है जहां रेंजर के होते हुए भी डिप्टी रेंजर को खुड़िया परिक्षेत्र का

वन विभाग हमेशा ही अपने अजीबो गरीब कारनामो से सुर्खियों में रहता है ऐसा ही एक मामला मुंगेली वन मंडल के खुड़िया परिक्षेत्र का है जहां रेंजर के होते हुए भी डिप्टी रेंजर को खुड़िया परिक्षेत्र का प्रभारी रेंजर बनाया गया है। पूरा मामला खुड़िया परिक्षेत्र का जहां पूर्व में पदस्थ क्रिस्टोफर कुजूर के ट्रेनिंग में जाने के बाद रेंजर के पद पर डिप्टी रेंजर प्रबल कुमार दुबे को खुड़िया रेंज का प्रभारी रेंजर बनाया गया है जबकि मुंगेली वन मंडल में रिजर्व में लक्ष्मण दास पात्रे वन परिक्षेत्र अधिकारी है जो पिछले 6 महीने से रिजर्व में ही बैठे हुए हैं इन्हें कोई पद स्थापना नहीं दी गई है वही एक रेंज अफसर के होते हुए भी लोरमी के रेंजर क्रिस्टोफर कुजूर को ही लोरमी रेंज के अलावा खुड़िया परिक्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था और अब उनके ट्रेनिंग में जाने के बाद प्रबल दुबे डिप्टी रेंजर को खुड़िया रेंज का प्रभारी रेंजर बना दिया गया है।
रेंजर के होते हुए डिप्टी रेंजर को प्रभार देना कई सवाल खड़े करता है।

*सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश की अवहेलना*

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समस्त विभागाध्यक्षो को निर्देशित करते हुए कहा था की सामान्यतः स्थानांतरण द्वारा रिक्त होने वाले पद की पूर्ति इस पद के समकक्ष अधिकारी की पदस्थापना से की जाए वरिष्ठ अधिकारी का स्थानांतरण कर उस पद का प्रभार कनिष्ठ अधिकारी अथवा अन्य विभाग के अधिकारी को ना दिया जाए...

*मुख्यालय में नहीं रहते डिप्टी रेंजर हुई थी हांथी की मौत*

आपको बता दें की
अभी कुछ महीनो पहले ही भूतकछार सर्किल के जंगल में एक नर हाथी की करंट लगने से मौत हुई थी। जिसके चार आरोपी आज भी फरार है ये आरोपी वन विभाग की पकड़ से आज भी बाहर है। हाथी जैसे वन्य प्राणी की मौत होना अपने आप में एक बड़ा मामला है इस मामले को वन विभाग ने बहुत ही हल्के में लिया और खाना पूर्ति करते हुए सिर्फ एक फॉरेस्ट गार्ड को ही निलंबित कर दिया जबकि भूत कछार सर्किल में डिप्टी रेंजर के पद पर प्रबल कुमार दुबे पदस्थ हैं और यह अपने मुख्यालय में कभी नहीं रहते भूतकछार, झिरिया, सरगढ़ी, डोंगरीगढ़ के ग्रामीणों ने मुंगेली कलेक्टर राहुल देव से डिप्टी रेंजर प्रबल दुबे को तत्काल हटाए जाने की शिकायत की थी।
और ग्रामीणों ने बताया था की ये मुख्यालय में नहीं रहते इनके सर्किल में कई प्रकार की घटनाएं होती रहती है ग्रामीणों के द्वारा जानकारी देने के बाद भी उनके रोकथाम के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाए जाते। बाद में भोले भाले ग्रामीणों को बुलाकर इनके द्वारा परेशान किया जाता है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि डिप्टी रेंजर के द्वारा ग्रामीणों से बहुत बुरा बर्ताव किया जाता है और मुख्यालय से बाहर रहकर सिर्फ पेपर में ही काम किया जाता है।
ग्रामीणों ने कहा कि इसकी जानकारी तत्कालीन रेंजर एवं एसडीओ को दी गई थी लेकिन आज तक उनके द्वारा किसी भी तरह की कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई अगर ग्रामीणों की शिकायत पर उचित कार्रवाई की गई होती तो संभवतः हाथी जैसे बड़े वन्य प्राणी के मौत की घटना नहीं हुई होती...


*स्थानीय बैगा आदिवासियों को कोई काम नहीं देना*

एक ओर भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य की सरकार समाज के सबसे पिछड़े वर्ग बैगा आदिवासियों के उत्थान के लिए तमाम प्रकार की योजनाएं संचालित कर रही हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रभारी रेंजर प्रबल दुबे के द्वारा डोंगरीगढ़ बीट और भूतकछार बीट में नरवा विकास योजना के कैंपा मद के तहत कंटूर ट्रेंच का काम कराया जा रहा है उसमें स्थानीय बैगा आदिवासियों को काम ना देकर के बाहर से पंडरिया ब्लाक के रवनगुड़ा से मजदूर बुलाकर कार्य कराए जा रहे हैं इससे स्थानीय आदिवासियों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है और उनमें काफी आक्रोश है ग्रामीण इस बात की शिकायत अब सीधे वन मंत्री से करने की बात कर रहे हैं...

*प्रबल दुबे के द्वारा वन अधिकार पट्टा दिलाने के नाम पर वनवासी ग्रामीणों से दस - दस हजार रुपए की वसूली*

जंगलों में बहुत लंबे समय से जो ग्रामीण निवास कर रहे हैं उन्हें वन विभाग के नियम के अनुसार पात्र हितग्राहियों को वन अधिकार पट्टा देने का नियम है लेकिन प्रभारी रेंजर प्रबल दुबे के द्वारा ग्रामीणों से वन अधिकार पट्टा देने के नाम पर दस - दस हजार रुपए की वसूली की जा रही है अब उन ग्रामीणों के द्वारा पट्टा मांगने पर उन्हें बताया जा रहा है कि अभी पट्टे का कार्य प्रक्रिया में है कुछ दिनों बाद आपको पट्टा वितरण कर दिया जाएगा ग्रामीणों ने अपना नाम नहीं बताने के तर्ज पर बताया कि हमसे वन अधिकार पट्टा बनाने के नाम से पैसा लिया गया है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया की अगर हमें पट्टे का वितरण नहीं किया गया तो हम इसकी शिकायत जिले के कलेक्टर और वन मंत्री से करेंगे...

*प्रबल दुबे का विवादो से रहा नाता*

प्रबल कुमार दुबे का विवादों से नाता रहा है प्रबल दुबे एट्रोसिटी एक्ट के मामले में जेल दाखिल हो चुके हैं। जिनका मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जब इन्हें लोरमी वन परिक्षेत्र में प्रभारी रेंजर के रूप मे पदस्थ किया गया था तब उनके द्वारा अपने किसी अधीनस्थ कर्मचारी से फोन पर बातचीत करते हुए एक समाज विशेष के खिलाफ गाली-गलौज करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणियां की थी जिसका ऑडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था जिस पर प्रभारी रेंजर प्रबल दुबे के इस कृत्य को देखते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने निलंबित कर दिया था लेकिन जिस समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की गई थी उस समाज में आक्रोश देखा जा रहा था और डिप्टी डेंजर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही थी इसी कड़ी में लोरमी थाने में FIR कराई गई थी जिस पर उन्हें जेल भेजा गया था...