कुत्तों का कहर एक साथ 14 लोगों को काटा, अस्पताल में नहीं एंटी रेबीज, भटक रहे मरीज

बीसलपुर - नगर के साथ आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों कुत्ता, बंदरों का आतंक है। कुत्ता, बंदर हर दिन लोगों को अपना शिकार बना रहे, लेकिन पिछले लगभग कई दिन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं है। जिसके चलते प्रतिदिन अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को भटकना पड़ रहा हैं। एंटी रेबीज का इंजेक्शन नहीं होने के चलते उन्हें निजी मेडिकलों से खरीदना पड़ रहा हैं।

शहर व ग्रामीण क्षेत्र में कुत्ते व बंदरों का आतंक बढ़ गया है।आपको बता दें मंगलवार को कुत्तों ने करीब 14 लोगों को काट लिया जिसके बाद में बीसलपुर सी एचसी में आए जहां उन्हें रेबीज का इंजेक्शन नहीं मिला जिससे मरीजों ने काफी हंगामा किया। इन दिनों कुत्ता व बंदर के काटने से शिकार हुए लोगों को एंटी रेबीज इंजेक्शन के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चक्कर काटने पड़ रहे हैं उसके बाद भी उनको एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं लग रहा है। क्योंकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पिछले कई दिनों से रेबीज इंजेक्शन खत्म हो गये हैं। जिसके चलते हर दिन लगभग 50 से 60 कुत्ता व बंदर के काटे हुए बिना रेबीज इंजेक्शन लगवाए ही मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। बार-बार लौटने व डर के कारण कुछ मरीज मेडिकल से रेबीज खरीदकर लगवा रहे हैं। मंगलवार सुबह जब मरीज बीसलपुर सीएससी में दिखाने आए तब उन्हें रेबीज का इंजेक्शन नहीं मिला जिसके कारण वह वापस लौटने लगे वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शी ने बताया उन्होंने किसी जागरूक लोगों से सुना कि तहसील दिवस में तेजतर्रार डीएम पुलकित खरे आए हैं जिसके बाद सभी लोग डीएम पुलकित खरे से मिलने चले गए जहां पर डीएम ने आश्वासन दिया और उन्हें पीलीभीत के लिए रेफर करवा दिया करीब 6 मरीज एंबुलेंस से पीलीभीत चले गए जहां उन्हें रेबीज का इंजेक्शन लगा।

पांच दिन पहले बंदर ने काट लिया था। उसी दिन से सरकारी अस्पताल में बेटे को रेबीज का इंजेक्शन लगवाने को चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन डॉक्टर रेबीज न होने की बात कह रहे हैं।

साईं राम, खड़गपुर

कोट:

मेरे आठ वर्ष के बेटे को दो दिन पहले कुत्ते ने काट लिया था, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बेटे को रेबीज इंजेक्शन लगवाने आई तो कर्मचारियों ने कहा कि आज नहीं है कल आना लेकिन गुरुवार को भी मना कर दिया। अब मजबूरी में बाजार से खरीदकर लगवाना पड़ेगा।

नत्थू लाल, निवासी पुराना डाकखाना

भतीजे के कुत्ते ने काट लिया तब अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन लगवा लिया, जब दूसरा इंजेक्शन लगवाने आया तो मना कर दिया। कई दिन चक्कर काटने पर रेबीज नहीं मिला तो बाजार से खरीद कर लगवाया,अब तीसरे के लिए चक्कर काट रहा हूं।

मो सलमान, ग्यासपुर

रेबीज इंजेक्शन के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चक्कर काटने पड़ रहे हैं उसके बाद भी इंजेक्शन नहीं लग रहा है। मजबूरी में एक रेबीज इंजेक्शन तो 350 रुपये का खरीदकर लगवा लिया, लेकिन अब दूसरे इंजेक्शन को लेकर चक्कर काट रहा हूं।

नन्हे बाबू, हबीबुल्ला खां