भारत–पाक अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर पर धर्म परिवर्तन मामला, जांच तेज, जर्मनी के 2 विदेशी नागरिक डिपोर्ट, पासपोर्ट ब्लैकलिस्ट, यहोवा साक्षियों की महिला ने सौंपा परिवाद

भारत?पाक अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर से सटे श्रीगंगानगर जिले के श्रीकरणपुर क्षेत्र में 18 दिसंबर की रात सामने आए कथित धर्म परिवर्तन मामले को लेकर जांच लगातार गहराती जा रही है। धर्म परिवर्तन के आरोप में पकड़े गए ईसाई मशीनरी से जुड़े चार लोगों से श्रीकरणपुर पुलिस थाने में विभिन्न गुप्तचर एजेंसियां गहन पूछताछ कर रही हैं।

सूत्रों के अनुसार मामले में शामिल दो विदेशी नागरिकों को JIC (जॉइंट इंटेलिजेंस कमेटी) की जांच के बाद जर्मनी डिपोर्ट कर दिया गया है। इन विदेशी नागरिकों पर भारी जुर्माना लगाया गया साथ ही उनके पासपोर्ट ब्लैकलिस्ट कर दिए गए हैं।

वहीं कर्नाटक निवासी संतोष, केरल निवासी मैथ्यू, श्रीकरणपुर निवासी राजेश कम्बोज एवं बलजीन्द्र सिंह खोसा से पूछताछ अभी जारी है।

इधर मामले में नया मोड़ तब आया जब यहोवा साक्षियों (Jehovah?s Witnesses) से जुड़ी एक महिला ने श्रीकरणपुर सीआई रजीराम को एक विस्तृत परिवाद सौंपा। महिला ने आरोप लगाया कि उनके उपासना स्थल ?राज-घर? पर हिंदू संगठनों से जुड़े 15 से अधिक लोगों ने हिंसक हमला किया।

परिवाद में महिला ने बताया कि हमलावरों ने उसके हाथ से धार्मिक साहित्य ?बाइबल? छीनकर जमीन पर फेंका और पैरों से रौंदा जिससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची। आरोप है कि महिलाओं के साथ मारपीट की गई, अश्लील इशारे किए गए उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया तथा बाहर खड़ी गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए।

सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करते हुए पीड़ितों को सुरक्षित बाहर निकाला। महिला ने अपने परिवाद में कहा कि यह घटना उनके मौलिक अधिकारों का हनन है और दोषियों के खिलाफ ठोस व कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

फिलहाल अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस एवं विभिन्न सुरक्षा व गुप्तचर एजेंसियां मामले की हर पहलू से जांच कर रही हैं।