एम्स में चिकित्सा शोध प्रशिक्षण को नई दिशा

रायबरेली।एम्स में चिकित्सा शोध प्रशिक्षण को नई दिशा:व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण पर राष्ट्रीय कार्यशाला सफलतापूर्वक आयोजित,
एम्स रायबरेली ने 11?12 दिसंबर 2025 को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला?सिस्टेमैटिक रिव्यू और मेटा-एनालिसिस(SRMA)?सफलतापूर्वक आयोजित की।यह कार्यक्रम इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च(ICMR)के डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च (DHR) विभाग द्वारा प्रायोजित था।कार्यशाला में 55 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया,जिनमें चिकित्सक,नर्सिंग, फार्मेसी और अन्य सम्बंधित स्वास्थ्य क्षेत्रों से आए छात्र एवं शिक्षक शामिल थे।दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को वैज्ञानिक शोध,डेटा विश्लेषण और प्रमाण-आधारित चिकित्सा की बुनियादी समझ देना था।कार्यशाला में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के विशेषज्ञों,गणमान्य शैक्षणिक हस्तियों सहित देश-विदेश के कई प्रमुख विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए।वक्ताओं में श्री रिचर्ड किरीबकरन (बेंगलुरु),डॉ. मुहम्मद आक़िब शमीम(जोधपुर),प्रोफेसर आर.के. गर्ग,प्रोफेसर आर.डी.सिंह, प्रोफेसर बलेंद्र पी.सिंह, प्रोफेसर भोला नाथ, प्रोफेसर आनंद श्रीवास्तव और डॉ.नीरज पवार ने PICO फ्रेमिंग,प्रोटोकॉल डेवलपमेंट, स्टैटिस्टिकल फाउंडेशन और रिस्क-ऑफ-बायस असेसमेंट जैसे विषयों पर संवादात्मक सत्र प्रस्तुत किए।यह कार्यक्रम एम्स रायबरेली की कार्यकारी निदेशक प्रो.(डॉ.)अमिता जैन के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।आयोजनकर्ताओं में अध्यक्ष डॉ. पारुल सिन्हा,आयोजन सचिव डॉ.सुनीता सिंह और डॉ.नीरज पवार शामिल रहे।कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए प्रो.(डॉ.)अमिता जैन ने बताया कि यह संस्थान के लिए गर्व की बात है कि सिर्फ एक वर्ष के भीतर DHR-ICMR ने यहाँ दो राष्ट्रीय कार्यशालाओं को मंज़ूरी दी है।यह संस्था की शोध क्षमता और गुणवत्ता का प्रमाण है।उन्होंने बताया कि DHR पूरे देश में चिकित्सा शिक्षा और शोध को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत है।पिछले दो वर्षों में ICMR ने एम्स रायबरेली के आठ स्नातक विद्यार्थियों और दो स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को शोध कार्य के लिए अनुदान (फंडिंग)प्रदान की है,जो संस्थान की बढ़ती शोध क्षमता को दर्शाता है।एम्स रायबरेली मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ देने के साथ-साथ शोध के क्षेत्र में भी प्रतिदिन नई प्रगति कर रहा है।संस्था निरंतर आगे बढ़ते हुए देश के चिकित्सा शोध में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।