आखिर कैसे मिल गई नुमाइश मैदान में देशी पटाखे की दुकान लगाने के लिए परमिशन


प्रसिद्ध नुमाइश से लेकर दीपावली के पटाखा बाजार तक उड़ाई जा रहे हैं नियम कायदे कानून की धज्जियां


अलीगढ़। अलीगढ़ की प्रसिद्ध नुमाइश में पिछले कई वर्षों से चले आ रहे घोटाले को खोलने के लिए उच्च स्तर तक कागजी कार्यवाहियां की जा रही है, लेकिन संबंधितों के द्वारा लगातार उन दस्तावेजों को दबाने का काम किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर दिसंबर जनवरी माह में लगने वाली सुप्रसिद्ध अलीगढ़ प्रदर्शनी से लेकर दीपावली के पटाखा बाजार और नुमाइश मैदान में लगातार किए गए बालू, बदरपुर और रोड़ी के अतिक्रमण को लेकर सूचनाएं मांगने और कागजी कार्रवाई करने का दौर निरंतर जारी है । बावजूद इसके जानकारी को ना देना और सूचनाओं को दबा देना संबंधितों की आदत बन गया है। अभी हाल ही में दशहरा दीपावली के अवसर पर नुमाइश मैदान में पटाखा बाजार की अनुमति दिए जाने के बाद कई नियम और निर्देश हमेशा की भांति दिए गए , जिनमें अग्निशमन यंत्रों से लेकर अन्य उपकरण और दुकानों में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ न रखने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा दुकानों पर किसी भी नाबालिग़ बच्चे के काम करने की लगातार लाउडस्पीकर से मना हो रही है, लेकिन उसके बाद भी कई दुकानों पर बच्चे काम कर रहे हैं । इसके अलावा सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि नुमाइश मैदान में ही बिना नंबर की दुकानों में देशी पटाखे की बिक्री जोर-शोर से की जा रही है। ना तो इन दुकानों पर कोई नंबर पड़ा है और ना ही कोई नाम है। क्या संबंधित विभाग और अधिकारियों का कार्य सिर्फ यही है कि ठेका उठने के बाद उनका कार्य समाप्त हो जाता है या यह भी देखना होता है कि जिन बातों के निर्देश और नियम बनाए गए हैं उनका पालन हो भी रहा है या नहीं । इसके अलावा तीन-चार दिन पहले ही समाचार पत्र में पार्किंग स्टैंड की अवैध उगाही को लेकर समाचार प्रकाशित हुआ था। इसके बाद भी रवैया जस का तस रहा । और हो भी क्यों न ? क्योंकि पार्किंग स्टैंड वालों की पूरी तरह से दबंगई जो चलती है और इस दबंगई के लिए सहारा भी संबंधितों का ही लिया जाता है।