शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर माकपा ने किया सभा का आयोजन

इंकलाबी नारों से गूंजा भगतसिंह चौक

श्रीगंगानगर, शहीद-ए-आजम भगतसिंह की जयंती के अवसर पर माकपा और इसके सहयोगी संगठनों ने आज स्थानीय रविंद्र पथ पर स्थित भगतसिंह चौक में सभा का आयोजन किया। इसमें बड़ी संख्या में मजदूर वर्ग, युवा और स्थानीय लोग शामिल हुए, जिन्होंने इंकलाबी नारे लगाते हुए शहीद भगतसिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा में माकपा और इसके संगठनों के कई वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों ने अपने विचार साझा किए, जिसमें शहीद भगतसिंह के आदर्शों और उनके क्रांतिकारी विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया।संबोधित करते हुए अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर यूनियन की नवनिर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती दुर्गा स्वामी ने कहा कि हाल के वर्षों में भगतसिंह के विचारों को कमजोर करने की कोशिशें हुई हैं, लेकिन माकपा और इसके संगठन उनके विचारों को नई ताकत और ऊर्जा देने के लिए कटिबद्ध हैं। उन्होंने विशेष रूप से युवा वर्ग को भगतसिंह की विचारधारा से जोड़ने पर बल दिया और कहा कि आज के समय में उनकी क्रांतिकारी सोच और बलिदान की भावना को अपनाना बेहद जरूरी है।

सभा में वरिष्ठ माकपा नेता भुरामल स्वामी एडवोकेट, जिला उपाध्यक्ष वकीलसिंह, सीटू नेता वी.एस. राणा, कामरेड हरकेवलदीप सिंह, धान मंडी मजदूर यूनियन केसाधूराम, ट्रैक्टर ट्राली यूनियन के प्रधान प्रकाश, रेलवे माल गोदाम मजदूर यूनियन के गुरतेजसिंह और जिला अभिभावक संघ के बॉबी पहलवान सहित कई अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। वक्ताओं ने भगतसिंह के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, उनके समाजवादी विचारों, और साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष को याद करते हुए उनके आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया। इंकलाबी गीतों की प्रस्तुति ने सभा में उपस्थित लोगों में जोश और उत्साह का संचार किया।

सभा के दौरान एक भावुक और प्रेरक घटना घटी, जब पंजाब के हुसैनीवाला गांव से आए राजेश नामक व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ भगत सिंह चौक पहुंचा। यह दंपति श्रीगंगानगर में एक विवाह समारोह में शामिल होने जा रहा था, लेकिन भगतसिंह चौक में चल रहे इस आयोजन को देखकर रुक गया। राजेश ने बताया कि हुसैनीवाला वही स्थान है, जहां अंग्रेजी शासन के दौरान शहीद भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई थी। भगतसिंह की जयंती पर इस तरह का आयोजन देखकर दंपति अभिभूत हो गया। उन्होंने भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।दंपति ने आयोजकों को बधाई देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की कि श्रीगंगानगर में भी शहीद-ए-आजम को उनके जन्मदिन पर इतने सम्मान और उत्साह के साथ याद किया जा रहा है। उन्होंने आयोजन की इस तरह के प्रयासों को और अधिक बढ़ावा देने की बात कही।कार्यक्रम का समापन इंकलाबी नारों और "लाल सलाम" के उद्घोष के साथ हुआ। उपस्थित लोगों ने एक स्वर में "इंकलाब जिंदाबाद" और "भगतसिंह अमर रहें" जैसे नारे लगाए, जिससे भगतसिंह चौक का माहौल क्रांतिकारी जोश से भर उठा। माकपा और इसके संगठनों ने इस अवसर पर उनके आदर्शों को जीवित रखने और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष को और मजबूत करने का संकल्प दोहराया