खैरटवा का ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र बदहाल एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र

कुशीनगर ग्राम पंचायत: खैराटवी, विकास के नाम पर बने लाखों रुपये की लागत से मोतीचक विकासखंड के खैरटवा गांव में बना एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र उपेक्षा और रखरखाव के अभाव में बदहाली का शिकार हो गया है। जिस उद्देश्य से इस केंद्र का निर्माण किया गया था, वह पूरा नहीं हो सका। चारों ओर झाड़-फूस उग आए हैं, आलम यह है कि यह भवन अनुपयोगी साबित हो रहा है।केंद्र को ग्रामीण क्षेत्र की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने और गांव में इधर-उधर कचरा फैलने से रोकने के मकसद से बनाया गया था। लेकिन निर्माण के बाद से ही इसे उपयोग में नहीं लाया गया।स्थानीय निवासी सरवन ने बताया कि केंद्र बनकर तैयार तो गई। हो गया, लेकिन अब तक यहां एक भी बार कचरा व्यवस्थित रूप से नहीं डाला गया। उनका कहना है कि केंद्र तक पहुंचने का रास्ता भी खराब है। बरसात के दिनों में गेट के सामने पानी भर जाने से रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है। मौके पर मौजूद ग्रामीण लाल किसान ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार ने लाखों रुपये खर्च कर भवन तो बनवा दिया, लेकिन गांव को कोई फायदा नहीं हुआ। पहले की तरह आज भी कचरा गांव के कोनों और रास्तों पर डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस केंद्र का न तो संचालन शुरू हुआ और नही रखरखाव की कोई व्यवस्था की गांव की गलियों और खाली पड़ी जमीनों पर अब भी कचरा फेंका जा रहा है। इससे न केवल दुर्गंध फैल रही है, बल्कि मच्छरों और संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जिस मकसद से यह केंद्र बनाया गया था, वह केवल कागजों तक ही सीमित रह गया।मौके पर देखा गया कि केंद्र का फाटक बाहर से खुला हुआ था और परिसर में झाड़-फूस फैला हुआ था। दीवारों पर धूल और सीलन साफ झलक रही थी। रखरखाव के अभाव में यह भवन धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।