Chandauli News:बाढ़ पीड़ितों के बीच तीज की खुशबू: महिला SDM दिव्या ओझा ने राहत संग बांटी खुशियां, कठिन हालात में भी लौटाई मुस्कान रेस्क्यू बोट से पहुंचीं महिला SDM, महिलाओं को बांटी तीज सामग्री, फल, दूध और अ

जूनियर हाई स्कूल राहत शिविर में मेहंदी कार्यक्रम,छात्राओं ने सजाए बाढ़ पीड़ित महिलाओं के हाथ

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चंदौली/बबुरी। बाढ़ की विभीषिका झेल रहे ग्रामीणों के बीच तीज के मौके पर मंगलवार का दिन उम्मीद की किरण बनकर आया, जब महिला उपजिलाधिकारी (SDM) दिव्या ओझा स्वयं रेस्क्यू बोट पर सवार होकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचीं और वहां रह रहीं महिलाओं के बीच तीज सामग्री के साथ राहत सामग्री का वितरण किया। सुबह से ही बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे ग्रामीण प्रशासन की ओर टकटकी लगाए खड़े थे, तभी राहत टीम के साथ पहुंचीं SDM दिव्या ओझा ने न केवल उनकी परेशानियों को करीब से समझा बल्कि हर महिला तक राहत सामग्री पहुंचाने का भी भरोसा दिलाया। उन्होंने वहां मौजूद महिलाओं को फल, मिठाई, जूस, बिस्किट, अमूल दूध और पानी की बोतलें वितरित कीं, जिससे महिलाओं और बच्चों के चेहरों पर लंबे समय बाद मुस्कान देखने को मिली।

बाढ़ से घिरे घरों और डूब चुकी गलियों के बीच जब प्रशासन की टीम नाव से पहुंची तो ग्रामीणों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। तीज के पर्व पर मायूस महिलाओं के बीच इस तरह खुशी का संचार होते देख कई महिलाएं भावुक हो उठीं और SDM को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुश्किल घड़ी में यह मदद किसी वरदान से कम नहीं है। इस मौके पर SDM दिव्या ओझा ने कहा कि प्रशासन हर पीड़ित तक राहत सामग्री पहुंचा रहा है और किसी को भी भोजन, पानी या चिकित्सा सुविधा के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए लोगों के लिए प्रशासन की पहल सिर्फ राहत सामग्री तक सीमित नहीं रही।

बबुरी स्थित जूनियर हाई स्कूल परिसर में बनाए गए राहत शिविर में तीज के उत्सव को खास बनाने के लिए एक विशेष मेहंदी कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। यहां स्कूली छात्राओं ने बाढ़ पीड़ित महिलाओं के हाथों पर आकर्षक डिज़ाइनर मेहंदी लगाई। जैसे ही हरे रंग की सुंदर मेहंदी की डिज़ाइन उनके हाथों में उभरी, वैसे ही उनके चेहरे पर भी मुस्कान लौट आई। महिलाएं एक-दूसरे के हाथों को देखकर खुश होती रहीं और इस पल को अपने कैमरों में भी कैद करती रहीं।कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं ने कहा कि तीज का पर्व उनके लिए हमेशा खास होता है, लेकिन इस बार बाढ़ के कारण उन्होंने सोचा था कि त्योहार फीका रह जाएगा। मगर प्रशासन के इस कदम ने उनकी उम्मीदों को नया जीवन दे दिया। राहत सामग्री के साथ त्योहार की सौगात मिलने पर महिलाएं भावुक हो गईं और SDM दिव्या ओझा को धन्यवाद दिया। ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन का यह प्रयास बताता है कि मुश्किल समय में भी संवेदनशीलता और मानवीयता सबसे बड़ी ताकत होती है।इस मौके पर SDM दिव्या ओझा ने कहा कि बाढ़ की आपदा कठिन है, लेकिन हमारा उद्देश्य यही है कि इस मुश्किल समय में किसी के चेहरे से मुस्कान न छिने। तीज का त्योहार महिलाओं के लिए बेहद खास होता है, इसलिए हमने कोशिश की कि राहत के साथ त्योहार की खुशियां भी उनके बीच पहुंचें। प्रशासन हर संभव मदद करेगा, जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते।

ग्रामीणों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने राहत शिविर में चिकित्सा सुविधाएं, स्वच्छ पानी और बच्चों के लिए दूध व पौष्टिक खाद्य सामग्री की भी व्यवस्था की है। टीम लगातार गांव-गांव जाकर स्थिति का जायजा ले रही है और जरूरत के हिसाब से तत्काल मदद पहुंचा रही है।बाढ़ की तबाही के बीच प्रशासन की इस मानवीय पहल ने न केवल पीड़ितों के चेहरों पर मुस्कान लौटाई है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि मुश्किल समय में प्रशासन पूरी मजबूती से आम जनता के साथ खड़ा है। दिव्या ओझा और उनकी टीम की संवेदनशीलता अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है और लोग उनके इस प्रयास की जमकर सराहना कर रहे हैं।