Chandauli News:बबुरी क्षेत्र में बाढ़ का कहर, रूट डायवर्जन से बदले वाहनों के रास्ते,डैम से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी, नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार,23 अगस्त से लागू रूट डायवर्जन, वैकल्पिक मार्गों

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चंदौली।चकिया, नौगढ़ और चंद्रप्रभा डैम से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद थाना बबुरी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। तेज बारिश और डैम से छोड़े गए पानी ने नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है, जिससे निचले इलाकों में पानी तेजी से भरने लगा है। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने 23 अगस्त 2025 से रूट डायवर्जन प्लान लागू कर दिया है, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके। प्रभावित मार्गों पर वाहनों का संचालन रोक दिया गया है और यातायात को सुरक्षित वैकल्पिक मार्गों से डायवर्ट किया जा रहा है।

बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, चितौरी चंद्रप्रभा डैम से 10 हजार क्यूसेक, चकिया मुजफ्फरपुर डैम से 11 हजार क्यूसेक और नौगढ़ चंद्रप्रभा डैम से 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे नदियों में उफान आ गया है। इस वजह से आसपास के गांवों में जलभराव की समस्या गंभीर होती जा रही है और कई निचले इलाकों के घरों में भी पानी घुस गया है।यातायात विभाग ने साफ कर दिया है कि गोधना चौराहा से होकर किसी भी प्रकार का भारी वाहन, मालवाहक वाहन या चार पहिया वाहन बबुरी की ओर नहीं जाएगा। वहीं, चकिया से आने वाले वाहनों को गौडिहार चौराहा से जीवनाथपुर, पटनवां, टेंगरा मोड़ होते हुए वाराणसी और मुगलसराय की ओर भेजा जाएगा। प्रभावित रूट पर पुलिस बल और प्रशासनिक टीमें तैनात कर दी गई हैं ताकि यातायात संचालन में कोई दिक्कत न हो।

*बाढ़ शरणालय और राहत चौकियां सक्रिय*
चंदौली।स्थिति बिगड़ने के बाद प्रशासन ने राहत कार्यों में तेजी ला दी है। बबुरी के जूनियर हाई स्कूल परिसर में बाढ़ राहत चौकी स्थापित की गई है, जहां प्रभावित ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में लगातार मुनादी कर लोगों को सतर्क किया जा रहा है ताकि कोई भी खतरे वाले क्षेत्रों में न जाए।तहसील प्रशासन की टीमें सदर एसडीएम दिव्या ओझा के नेतृत्व में सक्रिय हो गई हैं, जो प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति की निगरानी कर रही हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री, पीने का पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

*लगातार निगरानी और अलर्ट*
प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें। अधिकारियों ने बताया कि हालात पर चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर रूट डायवर्जन की अवधि बढ़ाई जाएगी। वहीं, राहत और बचाव दलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।