गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के उद्घाटन में अप्रोच आंदोलनकारियों को न बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण

अंबेडकर नगर।पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जुड़े गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के उद्घाटन अवसर पर तेंदुआईकला अप्रोच निर्माण हेतु दीर्घकालीन आंदोलन करने वाले नेताओं और प्रतिनिधियों को उदघाटन अवसर पर न बुलाया जाना अत्यंत निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है।यह उद्गार अप्रोच निर्माण संघर्ष समिति के सदस्य और आंदोलन हेतु वित्तीय व्यवस्था करने वाले शिक्षक प्रतिनिधि डॉ.उदयराज मिश्र ने व्यक्त किए।
ज्ञातव्य है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से गोरखपुर को जोड़ने वाले उक्त लिंक एक्सप्रेस वे पर आलापुर तहसील में कोई अप्रोच न होने के कारण आलापुर वासियों में अत्यंत क्षोभ और पीड़ा थी।जिसे ध्यान में रखकर जानेमाने समाजसेवी और सपा के प्रदेश सचिव योगेन्द्र नाथ त्रिपाठी के नेतृत्व में एक संघर्ष समिति का गठन करते हुए सतत् आंदोलन किया गया था।जिसका वित्त पोषण राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,उत्तर प्रदेश के अयोध्या मंडल अध्यक्ष डॉ.उदयराज मिश्र ने किया था।
उक्त आंदोलन में स्थानीय लोगों की जनभागीदारी और अपरिहार्यता ने तत्कालीन जिलाधिकारी सैमुअल पाल एन सहित लिंक एक्सप्रेस वे के प्रमुख अधिकारी तथा उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल का ध्यान क्षेत्रीय जनता की मांग के अनुक्रम में जाने पर शासन स्तर पर आंदोलनकारी नेताओं से वार्ता करके मुख्यमंत्री योगी जी के पास पत्रावली स्वीकृति हेतु भेजी गई थी।समाजसेवी योगेन्द्र नाथ त्रिपाठी के मांगपत्र को माननीय मुख्यमंत्री ने जनता का मांगपत्र मानते हुए तेंदुआईकला में अप्रोच निर्माण हेतु वित्तीय स्वीकृति सहित अपनी सहमति दी थी।जिसके फलस्वरूप उक्त अप्रोच के बनने से आलापुर वासियों की भी कनेक्टिविटी लखनऊ तक सहज हो गई।
दिलचस्प बात तो यह है कि मुख्यमंत्री द्वारा उक्त लिंक एक्सप्रेस वे के उद्घाटन अवसर पर भाजपा पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया,जबकि जिन लोगों के आंदोलन से उक्त अप्रोच का निर्माण हुआ,उन्हें भुला दिया गया।जिसे लेकर आंदोलनकारियों में रोष और निराशा व्याप्त है।