जाटऊ के लाल प्रेम उर्फ कान्हा बने देवली (दिल्ली)से विधायक, 36650 वोटों से जीत दर्ज कर रचा इतिहास

फिरोजाबाद। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी प्रेम उर्फ कान्हा दिवाकर ने देवली विधानसभा सीट से लगभग 36650 वोटों से शानदार जीत दर्ज की। प्रेम दिवाकर का संबंध उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद जिले के जाटऊ गांव से है। उनकी इस ऐतिहासिक जीत से गांव में जश्न का माहौल है। ग्रामीणों और परिजनों ने मिठाई बांटकर खुशी मनाई और ढोल-नगाड़ों के साथ जीत का जश्न मनाया।

गरीब परिवार से निकलकर विधायक बनने तक का सफर

प्रेम दिवाकर का जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ। वे छह भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उन्होंने लगभग 20 वर्ष पूर्व रोजगार की तलाश में गांव छोड़ा और दिल्ली आकर मेहनत-मजदूरी शुरू की। लेकिन सामाजिक कार्यों में रुचि के चलते वे राजनीति से जुड़ गए। विगत 10 वर्षों से वे आम आदमी पार्टी से पार्षद रहे और अपने विकास कार्यों के चलते देवली में लोकप्रियता हासिल की।

गांव जाटऊ में प्रेम दिवाकर ने एक वर्ष पूर्व भव्य मंदिर निर्माण कराया, जिससे ग्रामीणों में उनकी लोकप्रियता और भी बढ़ी। उनके ताऊ महाराज सिंह दिवाकर बताते हैं कि प्रेम जब भी गांव आते हैं, गांव के विकास के लिए हरसंभव मदद करते हैं। यही वजह है कि गांव के लोग भी उनकी जीत पर गर्व महसूस कर रहे हैं।

दिल्ली में खुद का मकान होने के बावजूद प्रेम किराए के मकान में रहते हैं, जिससे उनकी सादगी झलकती है। उनके करीबी डॉ. राजेंद्र सोलंकी बताते हैं कि विपक्षी दलों ने उन्हें खरीदने की कोशिश की, लेकिन प्रेम ने खुद को "आप" का ईमानदार सिपाही बताते हुए इन प्रयासों को नाकाम कर दिया।

प्रेम दिवाकर की जीत की खबर मिलते ही गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने मिठाई बांटकर और ढोल-नगाड़ों के साथ जीत का जश्न मनाया। गांववालों का कहना है कि प्रेम दिवाकर की इस जीत से न केवल देवली बल्कि गांव जाटऊ का भी नाम रोशन हुआ है।

गांववालों को उम्मीद है कि प्रेम दिवाकर अब विधायक बनने के बाद भी अपने ईमानदार और मेहनती स्वभाव से दिल्ली और गांव दोनों के विकास में अहम योगदान देंगे। ग्रामीणों का कहना है कि वे न केवल एक नेता बल्कि एक समाजसेवी के रूप में भी जाने जाते हैं।

गांव जाटऊ का राजनीति से पुराना नाता, दिए कई दिग्गज नेता फिर एक नया चेहरा दिल्ली विधानसभा में पहुँचा

राजनीति के क्षेत्र में अपना विशेष स्थान रखने वाला गांव जाटऊ एक बार फिर सुर्खियों में है। इस गांव ने इतिहास के पन्नों में पहले भी कई प्रतिष्ठित नेताओं को जन्म दिया है, जिन्होंने क्षेत्र और प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभाई।

गांव जाटऊ का राजनीति से नाता दशकों पुराना है। ब्रिटिश शासनकाल में कुशल पाल सिंह मंत्री पद पर आसीन रहे थे और अपने प्रशासनिक कौशल से क्षेत्र का मान बढ़ाया। इसके बाद मोहन देव शंखवार विधायक के रूप में जनता की सेवा करते रहे। पूर्व में ठाकुर केपी सिंह भी बलोक प्रमुख के रूप में कार्य कर चुके हैं और क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ रही है।

अब वर्ष 2025 में, गांव जाटऊ के प्रेम उर्फ कान्हा ने देवली, दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से विधायक पद पर जीत हासिल कर गांव का गौरव बढ़ाया है। उनकी इस सफलता से न केवल गांव बल्कि पूरे क्षेत्र में उत्साह का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रेम उर्फ कान्हा की यह जीत गांव की राजनीतिक परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य करेगी और क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

राजनीतिक जानकारों के अनुसार, जाटऊ गांव में हमेशा से नेतृत्व की क्षमता रही है, और यह सिलसिला आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। गांववासियों का कहना है कि आने वाले समय में भी यहां से और नए नेता उभरेंगे, जो क्षेत्र और प्रदेश की राजनीति में योगदान देंगे।