अंबेडकर प्रतिमा विवाद के बाद क्षत्रिय महापंचायत में करणी सेना की उपस्थिति, सवर्ण एक्ट की उठी मांग

फिरोजाबाद:थाना रजावली क्षेत्र के ग्राम कार्तिकी में प्रवेश द्वार पर स्थापित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को 7 मार्च की रात अराजक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इस घटना से दलित समुदाय और भीम आर्मी में आक्रोश फैल गया। विरोधस्वरूप भीम आर्मी ने थाना रजावली पहुंचकर प्रदर्शन किया, जिसके बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित भीम आर्मी कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर शांत कराया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।

मुकदमे के बाद भड़का क्षत्रिय समाज का आक्रोश
इस घटना में पुलिस द्वारा क्षत्रिय समाज के तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद क्षत्रिय समाज में आक्रोश फैल गया। इसके बाद 20 मार्च को क्षत्रिय संगठनों और भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने महापंचायत का ऐलान किया। हालांकि, प्रशासन ने महापंचायत से पहले क्षत्रिय समाज के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की, जिसमें कुछ समाज के लोगों ने महापंचायत को स्थगित करने का ऐलान कर दिया।

करणी सेना ने किया महापंचायत का प्रयास, पुलिस ने रोका
महापंचायत स्थगित होने के बावजूद, 20 मार्च को दोपहर 12:00 बजे राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष ओकेन्द्र राणा अपने पदाधिकारियों के साथ रजावली पहुंचे और सभा स्थल पर महापंचायत करने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस ने उन्हें सभा करने से रोक दिया और वापस भेज दिया।

अंबरीश पाल ने उठाई सवर्ण एक्ट की मांग
महापंचायत स्थल पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष युवराज अंबरीश पाल भी पहुंचे। उन्होंने मौके पर पहुंचकर लोगों की बातें सुनीं और कहा कि महापंचायत में रखी गई सभी मांगों को प्रशासन ने मान लिया है। इसके साथ ही उन्होंने सवर्ण समाज को एससी/एसटी एक्ट से सुरक्षित रखने के लिए मुख्यमंत्री से सवर्ण एक्ट बनाने की मांग उठाई।
युवराज अंबरीश पाल ने कहा, "हमारी मांग है कि सवर्ण समाज को भी एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग से सुरक्षा मिले और इसके लिए सरकार को सवर्ण एक्ट बनाना चाहिए।"

रिपोर्ट: बबलू फरमान, फिरोजाबाद