रवि की सांझ सिंदूरी आभा से दमके घाट और व्रतियों के ललाट, अस्ताचलगामी सूर्य को व्रतियों ने अर्पित किया अर्घ्य

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया। लोक आस्था के महापर्व डाला छठ पर गुरुवार को तालाबों, नदियों और नहरों के किनारे सैकड़ों,हजारों श्रद्धालु पहुंचे। व्रतियों ने पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को जल और दूध से प्रथम अर्घ्य अर्पित किया।इस दौरान मनोकामना पूर्ति होने पर व्रती महिलाएं घर? से घाट पर दंडवत करते हुए पहुंची।कांच ही बांस की बहंगिया बहंगी लचकत जाय,मरबो रे सुगवा धनुष से,सुगवा जयीहें मुरछाए आदि गीतों से तट सुरभित हो गये। शुक्रवार को उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाएं 36 घंटे के व्रत का पारण करेंगी। शाम 5:00 बजे सूर्य की सिंदूरी आभा से घाट और व्रतियों के ललाट दमक उठे। आस्था के रंग छा गए।

नगर के मां काली मंदिर पोखरा परिसर शिकारगंज स्थित पोखरा, सिकंदरपुर स्थित पोखरा,भीषमपुर गांव स्थित पोखरा, दोपहर 2:00 बजे के बाद से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। महिलाएं और पुरुष नए वस्त्र पहन कर पूरे परिवार के साथ नंगे पैर सरोवर नदी तटों पर पहुंचे। विभिन्न इलाकों से व्रती महिलाएं बैंड बाजा और डीजे इत्यादि के साथ भी घाट पर पहुंची। घर के सदस्य सिर पर दउरा और बच्चे किशोर कंधे पर गन्ना रख कर चलते नजर आए। महिलाएं,किशोरियों हाथ में कलश लेकर गीत गाते हुए घाटों पर पहुंची। घाटों पर पहुंचकर व्रतियों ने फलों की टोकरी सुख रखें। इसके बाद घाट पर बेदी की पूजा अर्चना की और कलश स्थापित कर सरोवर में गाने का मंडप बनाया और धूप दीप फूल माला से पूजा अर्चना किया। इसके बाद जल में उतरी और कमर भर पानी होने पर खड़े होकर भगवान भास्कर के अस्त होने का इंतजार किया। जैसे ही सूर्य ने लालिमा बिखरी लोगों ने जयकारा के साथ दूध जल से आज अर्पित किया। परिसर में स्थापित युगांधर सेवा समिति के पदाधिकारी ने व्रतियों ने को अर्घ्य के लिए दूध और जल उपलब्ध कराए। व्रतियों के परिवार वालों के साथ आस पड़ोस के लोगों ने भी अर्घ्य दिलाकर पुण्य लाभ कमाया। अर्घ्य देने और पूजा अर्चना के बाद व्रती महिलाएं गीत गाते हुए कलश देकर वापस घर लौट गईं।

*ग्रामीण क्षेत्रों में छठ पर्व की धूम, पर घर रहा उल्लास*
चकिया क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में डाला छठ पर सरोवर तटों पर अर्घ्य देने वालों की भीड़ उमड़ी। गीत गाती महिलाएं तालाब, कर्मनाशा नदी,और चंद्रप्रभा नदी के तटों पर पहुंची और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्थ देकर मंगल कामना की। इस मौके पर समितियों ने घाटों पर प्रकाश की व्यवस्था कर रखी थी। चकिया में लोक आस्था के महापर्व छठ की छटा देखने के लिए गुरुवार की शाम को क्षेत्र के विभिन्न तालाबों में नदी के किनारे श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। स्थानीय कर्मनाशा नदी के तट पर तथा क्षेत्र के अताय, मुरकौल, तिपरा, ठेकहां, मचवल, करनौल, लटाव, नौडीहा, एकोना, अमरसीपुर, भुलीकृतपुरवा, भोड़सर, मसोई, पहाड़पुर,मंगरौर,कौड़िहार, मुबारकपुर,मूसाखाड़,आदि गांवों में तालाबों नहरों के किनारे स्थित घाट पर बनी बेदी तक गाजे-बाजे के साथ पहुंची। उन्होंने पूजा-पाठ करने के बाद उगते सूरज की पूजा की व अर्घ्य दिया।

*चकिया में दोनों समितियां में लगाया सहायतार्थ शिविर*
मां काली मंदिर पोखरा परिसर में डाला छठ पर्व को लेकर युगांधर सेवा समिति और जय मां काली सेवा समिति ने छठ व्रत्तियों की सहायता और सुरक्षा व्यवस्था के बाबत शिविर लगाकर अर्घ्य देने के लिए जल और दूध की मदद करने के साथ ही कोई पे बच्चों को भी उनके परिजनों से मिलने का कार्य किया। जय मां काली सेवा समिति और युगांधर सेवा समिति का शुभारंभ चकिया विधायक कैलाश खरवार में फीता काटकर किया। इस मौके पर सांसद छोटेलाल खरवार,अध्यक्ष गौरव श्रीवास्तव, अधिशासी अधिकारी संतोष चौधरी, मुश्ताक अहमद खान, गुरुदेव चौहान, कैलाश जायसवाल सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

*एसडीएम दिव्या,एडिशनल एसपी व सीओ ने निरीक्षण कर लिया जायजा*
आस्था के महापौर डाला छठ को लेकर मां काली मंदिर पोखरे पर श्रद्धालुओं और व्रती महिलाओं की भारी भीड़ को देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से चौकन्ना रही।और चारों तरफ सुरक्षा व्यवस्था के तहत वर्दी और सादे वेश में पुलिस के जवान चक्कमण करते रहे। उसी क्रम में एसडीएम दिव्या ओझा, एडिशनल एसपी अनिल कुमार यादव, सीओ राजीव कुमार सिसोदिया, कोतवाल अतुल कुमार प्रजापति ने अपनी टीम के साथ स्थानीय पोखरा परिसर का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश दिए। एसडीएम दिव्या ओझा की देखरेख में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी।