हरदोई में रेप के बाद किशोरी की हत्या मामले में पीड़ित परिवार से मिला सपा डेलिगेशन, परिवार से जानकारी लेकर बंधाया ढांढस, प्रदेश अध्यक्ष बोले- दिल्ली के निर्भया कांड से भी बड़ा कांड हरदोई में हु

हरदोई। सांडी इलाके में किशोरी की रेप के बाद हत्या मामले में सपा के डेलिगेशन ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है। उनसे घटना के बारे में जानकारी ली और उन्हें ढांढस बंधाया। इस दौरान सपा के प्रदेश अध्यक्ष ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के साथ जघन्य वारदात की जा रही है। लेकिन इन घटनाओं को रोकने में प्रदेश सरकार नाकाम है।

हरदोई के सांडी थाना क्षेत्र के कुंदरौली सादिकपुर में 29 जुलाई को एक नाबालिग बच्ची की रेप के बाद हत्या की गई थी। इस घटना को बड़ी बेरहमी से अंजाम दिया गया था। जिसमें पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए दो लोगों को जेल भेजा था। इस मामले में एक आरोपी को पुलिस ने मुठभेड़ में गोली मारकर गिरफ्तार किया था।

आज बुधवार को समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधि मंडल प्रदेश अध्यक्ष श्यालाल पाल की अगुवाई में शकील नदवी,पूर्व सांसद ऊषा वर्मा, राजपाल कश्यप, सपा जिलाध्यक्ष हरदोई शराफत अली समेत अन्य सपाई मृतक पीड़िता के घर पहुंचे। जहां उन्होंने वीभत्स कांड के परिजनों को ढांढस बंधाया और उनकी हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हर तरफ महिलाओं के साथ जुल्म किया जा रहा है। जिधर भी नजर उठाओ उधर महिलाओं और बच्चियों के साथ रेप की वारदात हो रही है और उनको दरिंदगी के बाद मौत के घाट उतारा जा रहा है। हरदोई के मामले में बच्ची के साथ बेहद जुल्म किया गया उसमे सत्तापक्ष के लोग शामिल है। उन्होंने कहा कि ये घटना निर्भया कांड से भी बड़ी है लेकिन प्रशासन पीड़ितों की आवाज़ नही सुन रहा है। मांग करता हूं कि इन पीड़ितों की हरसंभव मदद की जाए और दोषियों को सख्त सज़ा दिलाई जाए। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अयोध्या के मुईद खान का सपा से कोई ताल्लुक नहीं है और नवाब सिंह यादव भी समाजवादी नहीं रह गए है। उनके अंदर का समाजवाद मर गया है इसलिए उन्होंने पार्टी के इतर कार्यशैली को अंजाम दिया है। वो पार्टी के किसी भी पद पर नहीं है और न ही पार्टी के कार्यकर्ता है। फोटो खिंचाने से क्या कोई भी किसी के साथ खिंचा लेता है। ये सुरक्षा की जिम्मेदारी है नेताओं के पास ऐसे लोगों को नहीं आने देना चाहिए। आतंकवादी भी मंच पर आ जाते है अगर ऐसा न होता तो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या नहीं होती।