प्रधान पद के लिए किया सरकारी अभिलेखों में छेड़छाड़, अधिकारियों भी किया गुमराह 

प्रतापगढ़,कुंडा।तहसील क्षेत्र के हीरागंज से सनसनी खेज मामला सामने आया है।ग्राम प्रधान द्वारा अभिलेखों से छेड़छाड़ करने के बाद अधिकारियों को गुमराह करने का मामला समूचे प्रतापगढ जिले में चर्चा का विषय बना है।सरकारी अभिलेखों से छेड़ाछाड़ की ऐसी खबरों से जिला प्रशासन की निष्पक्ष कार्यशैली विभाग से लेकर आम जनमानस में चर्चाओं का बाज़ार गर्म है।परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत गोगहर के नगर पंचायत हीरागंज में शामिल हो जाने के बाद ग्राम प्रधान हंसराज देवी के प्रति जिला प्रशासन को स्थानीय प्रशासन भेजी गई रिपोर्ट से उत्तर प्रदेश की जीरो टॉलरेंस का ढिंढोरा पीटने वाली योगी सरकार की साख पर बट्टा लगा रही है।

कैबिनेट की बैठक में मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश में नई नगर पंचायतों के गठन की घोषणा की थी।जिसमें प्रतापगढ़ जिले की हीरागंज बाजार को वर्ष 2023 में नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त हुआ।परिसीमन के उपरांत नगर पंचायत हीरागंज बाजार में ग्राम पंचायत गोगहर का हिस्सा शामिल किया गया।राजस्व ग्राम गोगहर में उतरार, चम्पतपुर, लोदीपुर और गोगहर आते हैं, इसमें से गोगहर गांव नगर पंचायत हीरागंज बाजार में शामिल हो गया। गोगहर के नगर पंचायत में शामिल होने के बाद उतरार,चम्पतपुर और लोदीपुर को मिलाकर नवीन ग्राम पंचायत का गठन कर दिया गया। इस दौरान नगर पंचायत हीरागंज बाजार में शामिल होने वाला गांव गोगहर से निर्वाचित हुए ग्राम पंचायत सदस्यों की सदस्यता शून्य कर दी गई और पंचायत सहायक को शून्य घोषित कर दिया गया लेकिन गोगहर निवासिनी ग्राम प्रधान की प्रधानी पूर्व की भांति बरकरार रखी गई और अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।स्थानीय प्रशासन उल्टे संरक्षण देते हुए गोगहर निवासिनी ग्राम प्रधान को सही साबित करने के लिए नवसृजित ग्राम पंचायत उतरार के लोदीपुर में दूर के रिश्तेदार के घर को अपना बताया और जांच अधिकारी ने भी उनका साथ देते हुए फोटो खींचकर जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेज दिया, आधार कार्ड में लोदीपुर का पता बदलवा कर रिपोर्ट के साथ संलग्न कर दिया गया।जिला प्रशासन को पारदर्शी रिपोर्ट न भेजकर भ्रामक रिपोर्ट भेज दी गई जबकि ऐसे कर्मचारियों को बाखूबी पता होना चाहिए कि इतिहास में हस्तक्षेप इनके दायरे से बाहर है।जांच अधिकारी जांच करेंगे तो ग्राम प्रधान हंसराज देवी द्वारा दिए गए हलफनामे को झूठा साबित करेंगे या फिर अपनी रिपोर्ट को झूठीमानेंगे।निर्वाचन के दौरान हंसराज देवी के हलफनामे को चैलेंज किया जाए तो भी प्रधानी खतरे में है, ग्राम प्रधान हंसराज देवी ने आधार कार्ड में जो पता बदलवाया है वह भी संदेहास्पद है। फिलहाल जिम्मेदारों द्वारा की गई इस तरह की पक्षपातपूर्ण कार्यवाही से योगी आदित्यनाथ सरकार की छवि धूमिल हो रही है।