सच्ची सेवा: पंजाब में व्यास नदी का टूटा बांध बांधने में जुटी मथना चकपुर से पहुंची संगत।

कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांव मथना व चकपुर से पिछले दिनों पंजाब के होशियारपुर जिले के कई गांवों में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए खाद्य सामग्री लेकर पहुंची सिख संगत ने वहां पहुंचकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में जरूरतमंदों तक खाद्य सामग्री पहुंचाने का काम किया। ब्यास नदी के पानी ने पंजाब के होशियारपुर जिले के दर्जनों गांवों में भारी तबाही मचाई है। कई जगहों पर नदी का रुख बदल गया है, जिससे गांव पानी में डूब गए हैं। नदी के दोनों किनारों पर लगी सैकड़ों एकड़ धान, मक्का, बाजरा और गन्ने की फसल बर्बाद हो गई है। स्थानीय लोगों द्वारा बांध लगाने कोशिश की जा रही है।यूपी से गई सिख संगत भी व्यास नदी के बांध को बांधने के लिए स्थानीय लोगों के साथ मिलकर बांध बांधने की सेवा में जुट गई, क्योंकि सिख धर्म हमेशा लोगों की सेवा करना सिखाता है, समाज से जुड़ना सिखाता है, सम्मान देना सिखाता है, जमीन से जुड़े रहना सिखाता है। सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव से लेकर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी तक, हर किसी ने मानवता और एकेश्वरवाद का पाठ पढ़ाया है।

इसी संदेश को मानते और और गुरुओं द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए यह संगत भी सेवा में जुटी गई। व्यास नदी पर बांध बांधने की सेवा निभाने वाली संगत में रंजीत सिंह, तरसेम सिंह, हैप्पी सिंह,राणा सिंह, मख्खन सिंह, कुलवंत सिंह, आदि कई लोग शामिल हैं।