लद्दाख में शहीद हुए मनमोहन का राजकीय सम्मान के साथ किया अंतिम संस्कार

हथीन/रोबिन माथुर :

जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में शहीद हुए बहीन गांव के मनमोहन की अंतिम यात्रा में हजारों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। भारत माता की जय , वंदेमातरम, जब तक सूरज चांद रहेगा-मनमोहन तेरा नाम रहेगा के नारों से आकाश गुंजायमान हो उठा। शहीद के गांव बहीन में ही नहीं बल्कि पूरे इलाके में मातम का माहौल छाया हुआ था। केएमपी रोड से लेकर बहीन गांव तक लगभग 10 किलोमीटर तक तिरंगा झंडा लगी मोटरसाइकिलों के काफिले व डीजे की गाड़ियों के साथ सेना के उस वाहन को लाया गया जिसमें शहीद मनमोहन का पार्थिव शरीर रखा हुआ था।

जैसे ही गांव में शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा , उसके अंतिम दर्शन करने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा महिलाओं व बच्चों ने अपने घरों की छतों पर चढ़कर अश्रुपूर्ण नेत्रों से शहीद मनमोहन के अंतिम दर्शन किए। सेना की टुकड़ी ने सेना की परम्परा अनुसार उन्हें अंतिम सलामी दी?।

स्थानीय सांसद एवं केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, करनाल के सांसद संजय भाटिया व पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह, हथीन के डीएसपी सुरेश कुमार भडाना ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान , पूर्व विधायक एवं हथीन के विधायक प्रवीण डागर के पिता रामजीलाल डागर , पूर्व विधायक केहर सिंह रावत , एसडीएम लक्ष्मीनारायण , जजपा के वरिष्ठ नेता सुखराम डागर , कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी इसराइल कोट , समाजसेवी भगवत रावत , लवकुश रावत , नरेंद्र रावत सहित इलाके सैंकड़ों मौजिज लोगों व प्रशासनिक अधिकारियों ने शहीद मनमोहन को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

-एक वर्षीय मासूम पुत्र ने दी अपने शहीद पिता मुखाग्नि

जिस समय एक वर्षीय पुत्र अर्पित ने अपने शहीद पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी तो लोग भाव विह्वल हो गए। शहीद मनमोहन के अंतिम संस्कार में उमड़े हजारों लोगों की आंखों में आंसू आ गए जब

शहीद मनमोहन के एक वर्षीय मासूम पुत्र अर्पित ने अपने दादा बाबू राम की गोद में बैठ कर अपने शहीद पिता को मुखगनी दी।