रिक्शा चालक का बेटा बना सहायक कर आयुक्त

टेकचंद कारड़ा तखतपुर


रिक्शा चलाने वाले का बेटा पीएससी परीक्षा में सहायक कर आयुक्त के पद पर चयन हुआ कभी सिलाई मशीन चला कर अपनी पढ़ाई जारी रखने वाले इस होनहार बच्चे की सफलता पर पूरा नगर गौरवान्वित महसूस कर रहा है

सफलता किसी साधन का नहीं बल्कि मेहनत की मोहताज है और यह सिद्ध कर दिखाया है नगर के विजय कैवर्त ने जिसका चयन पीएससी की परीक्षा में सहायक कर आयुक्त पद पर हुआ है। कुलदीप कैवर्त को शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि आने वाला दिवाली उसके लिए सचमुच जिंदगी की सबसे बड़ी दिवाली होगी क्योंकि उसका पुत्र विजय कैवर्त पीएससी के द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में सहायक कर आयुक्त के पद पर चयन हुआ है। रिक्शा चलाकर कुलदीप अपने बच्चे का लालन-पालन कर वह संस्कार दिया जिससे वह एक काबिल इंसान बन सके और समाज में अपनी पहचान बना सके। पिता के इस सीख को विजय कैवर्त ने सर माथे रखकर परिश्रम करना नहीं छोड़ा ।वह भी अपने पिता कि परिश्रम को देखकर स्वयं ने टेलरिंग का कार्य सीखा और आज भी वह टेलरिंग का काम कर रहा है। लेकिन कुछ कर गुजरने की तमन्ना से वह प्रतिदिन पढ़ाई भी करता रहा और उसका परिणाम यह हुआ कि आज वह सहायक कर आयुक्त के रूप में चयन हुआ है। विजय कैवर्त की प्राथमिक शिक्षा गायत्री ज्ञान मंदिर में कक्षा आठवीं तक हुई वहीं 12वीं तक की पढ़ाई बालक हाई स्कूल में करने के बाद सीवी रमन यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिग्री हासिल किया। लेकिन एक अच्छा मुकाम हासिल हो सके इसके लिए प्रयास करता रहा । अभी भी बिलासपुर में एम साहब के यहां टेलरिंग का काम करता है। विजय कैवर्त ने बताया कि वह सफलता के लिए वो केवल परिश्रम को ही जिम्मेदार मानता है टेलरिंग के काम के साथ-साथ प्रतिदिन वह 5 घंटे पढ़ाई करता था। साथ ही उसने बताया कि 3 बार वह प्री में उत्तीर्ण हुआ था और चौथी बार में मेंस की परीक्षा में पहुंचकर 21 वां रैंक हासिल हुआ है ।विजय के चयन होने पर उसके पिता ने ईश्वर का आशीर्वाद और संस्कार को आधार कहा है ।इसके चैन से नगर सहित सभी में हर्ष है कि सफलता के लिए किसी संपन्नता की आवश्यकता नहीं है।