कड़कड़ाती ठण्ड में बरसा वन अमले का कहर... सागौन काट किया गया था अतिक्रमण, गिराए गए छप्पर...!

सिटी अपडेट/उमरिया। इन दिनों उमरिया जिले में जहां एक ओर कड़कड़ाती ठण्ड ने समां बांध रखा है और आम जनमानस को अपने चपेट में लिए हुए है तो दूसरी ओर वहीं वन विकास और वन विभाग ने इस कड़कड़ाती ठण्ड में अपना कहर बरसाने जरा भी रहम नहीं बरता, जिससे लोगों में खासा आक्रोश दिखा, लेकिन गरीबों के आगे अपने वर्दी का रसूख दिखाने वाले वन विभाग के कर्मियों का दिल नहीं पिघला। दरअसल मामला उमरिया जिले के सुभाषगंज वार्ड के उस पीछे के हिस्से का है जहां जिले के सुदूर अंचलों से अपने आजीविका के तलाश में जिला मुख्यालय आये कुछ गरीब तबके के वर्गों द्वारा वन भूमि पर वहां लगे सागौन के पेड़ों की कटाई कर अपने रहने के लिए छप्पर की व्यवस्था कर ली गई थी, जिसे लेकर वन विभाग ने गुरुवार को अतिक्रमण की मुहिम चलाते हुए उनके छप्पर तोड़ दिए। एक तो उन पर ठण्ड की मार उसमें भी बिना चेतावनी दिए उनके घरों पर वन विभाग के वार से वन अमले की कार्यशैली पर जमकर सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं कुछ महिलाओं ने बताया कि उनके द्वारा जब शुरू में अतिक्रमण किया जा रहा था तो नजूल अमले के कर्मचारी ने उनसे पैसे लेकर अतिक्रमण कराया था, जहां पीड़ितों का यह भी कहना था की नजूल वालों ने यह भी कहा था कि आप घर बना लीजिए कोई नहीं आएगा, लेकिन गहरी नींद में सो रहे वन अमले की नींद ठण्ड के दिनों में खुली जब लोगों को छप्पर की जरूरत होती है, वहीं पीड़ितों ने जानकारी देते हुए बताया कि बिना चेतावनी दिए कार्यवाही की गई है, हालांकि इस मामले में वन अमले ने कुछ कहने से मुंह फेर लिया, वहीं मौखिक तौर पर इतना जरूर कहा कि अभी यहां जो पक्के मकान बने हैं उन्हें नोटिस जारी की जाएगी। शासकीय वन भूमि में पेड़ों की बेदर्दी से कटाई कर कुछ लोगों ने जरूर मकान बना लिए थे लेकिन बिना चेतावनी दिए उनके घरों को उजाड़ना वन अमले कि कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है। गुरुवार को की गई वन अमले की ताबड़तोड़ कार्यवाही में सागौन की लकड़ी भी जब्त की गई, साथ ही जिन ईंट से छप्पर युक्त घर का निर्माण किया गया था उसे भी जब्त किया गया है।