डी.एम.मेहरबान तो राजेश्वर पयासी पहलवान

उमरिया। तत्कालीन संभागीय प्रबंधक अनिल चोपड़ा के कार्यकाल में वन विकास निगम में भ्रष्टाचार का परचम बुलंद करने वाले डिप्टी रेंजर राजेश्वर प्रसाद मिश्रा का परचम वर्तमान डी. एम. अमित पटौदी के वरदहस्त तले पूर्ववत लहरा रहा है। अमित पटौदी की की सह पर राजेश्वर मिश्रा उर्फ राजेश्वर पयासी जमकर भ्रष्टाचार कर रहा है।

चौकीदारी की आड में हुई जेब गर्म -

पयासी के पास एस.ई.सी.एल. के जोहिला और सोहागपुर एरिया के प्लांटेशन का प्रभार है। जोहिला एरिया में कुल 14 चौकीदार पदस्थ हैं, लेकिन 5 चौकीदारी ही कार्य कर रहे हैं, शेष 9 चौकीदारों के वेतन का भुगतान क्यूं किया जा रहा है यह केवल पयासी ही बता सकता है। सोहागपुर एरिया में वर्तमान में 34 चौकीदार नियुक्त होना चाहिए लेकिन 5 - 6 चौकीदार ही नियुक्त है शेष चौकीदारों का पैसा किसकी जेब में जा रहा है यह जांच का विषय है।

पौधारोपण और ग्रासबेड में पयासी ने किया धांधली -

सोहागपुर एरिया में वर्ष 2023 में ओ.बी. डम्प क्षेत्र में 1 लाख 10 हजार पौधों का तथा नान ओ.बी. डम्प क्षेत्र में 42000 पौधों का प्लांटेशन किया जाना था लेकिन लगभग 10 - 20 प्रतिशत पौधों का ही प्लांटेशन किया गया। सोहागपुर एरिया में 34000 ग्रास बेड बनाई जानी थी, किंतु 500 - 600 ग्रास बेड बनाकर पयासी ने खाना पूर्ति कर ली, शेष कार्य का पैसा फर्जी बिल बाउचर माध्यम से पयासी कि जेब की शोभा बढ़ा रहा है। जोहिला क्षेत्र के प्लांटेशन का भी यही हाल है। खदानी रोपण क्षेत्र के पौधों में खाद न डालकर खाद के पैसों का भी वारा - न्यारा पयासी ने किया है। पयासी के सोहागपुर व जोहिला एरिया के प्लांटेशन में किए गए घोटाले की जांच एस.ई.सी.एल. की सतर्कता टीम कर रही है।

वन विकास निगम में भी मचाई लूट -

पयासी ने प्लांटेशन में घोटाला कालरी एरिया में ही नहीं बल्कि वन विकास निगम के प्लांटेशन में भी किया है। वर्ष 2020-21 में कक्ष क्रमांक 210 में पीली कोठी के पीछे से हवाई पट्टी तक 1 लाख 60 हजार पौधे लगाए जाने थे, लेकिन आधे पौधे ही लगाए गए। शेष आधे पौधों के पैसे वन विकास निगम की जगह पयासी विकास के काम आ रहे हैं। पूर्व में काटे गए सागौन के पेड़ों के ठूंठ से निकलने वाले पौधों की भी प्लांटेशन में गणना की गई। वर्ष 2020 -21 में कक्ष क्रमांक 210 के सागौन प्लांटेशन की खाद का पैसा भी पयासी डकार गया है। पौधों में डालने के लिए विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई खाद को पयासी एक स्थानीय व्यापारी के माध्यम से बेच खाया है। यदि सागौन के पौधों के नीचे की मिट्टी का औचक सैंपल लेकर मृदा परीक्षण कराया जाए तो पयासी के खाद घोटाले के राज उजागर हो सकते हैं।

पुत्र को बना दिया चौकीदार के साथ ठेकेदार -

पयासी अपने लड़के सुशील पयासी का नाम चौकीदारी में दर्ज कर रखा है साथ ही सुशील पयासी के नाम पर ठेकेदारी के भी भुगतान किए जा रहे हैं। 2020-21 व 2021-22 में सुशील पयासी को लकड़ी ढुलाई का लाखों रुपए भुगतान किया गया है। जबकि नियमानुसार शासकीय सेवक के परिजन उसके उसी कार्यालय के अंतर्गत कोई व्यावसायिक कार्य नहीं कर सकते हैं।

निगम की जमीन में अतिक्रमण पर पयासी का शह -

पयासी की शह पर वन विकास निगम के कक्ष क्रमांक 211 की भूमि पर लोगों ने अतिक्रमण कर अवैध निर्माण कार्य कर लिए है। जबकि इन निर्माण कार्यों को रोकना पयासी की जिम्मेदारी थी। सूत्र बताते हैं कि इन निर्माण कार्यो के एवज में पयासी ने मोटी रकम वसूली है। पयासी को चढ़ोत्री न चढ़ाने वाले लोगों के अतिक्रमण हटा दिए जाते हैं और चढ़ोत्री चढ़ाने वालों के अतिक्रमण आज भी जस के तस है।

रेल्वे के पौधों से खुद की जेब कर दी हरी-भरी -

साउथ ईस्टर्न सेंट्रल रेल्वे के करकेली रोपण क्षेत्र में 5 हजार पौधे लगाए जाने थे, पयासी ने केवल 2 हजार प्लांटेशन कराया है और शेष तीन हजार पौधों का पैसा पयासी हजम कर लिया है। रेल्वे रोपण क्षेत्र उमरिया की वाटरिंग, सफाई, खरपतवार कटाई के पैसों में भी पयासी जमकर गोलमाल किया है।

भ्रष्टाचार करने मिला कईयों का संरक्षण -

पयासी के भ्रष्टाचार की विरुदावली का कोई अंत नहीं है। पयासी के भ्रष्टाचार के कारनामों से भलीभाँति भिज्ञ संभागीय प्रबंधक अमित पटौदी "जब रोम जल रहा था तब नीरों बाँसुरी बजा रहा था" की तर्ज पर पयासी के भ्रष्टाचार की आंच से झुलस रहे वन विकास निगम को बचाने के स्थान पर विभिन्न जाँच एजेंसियों को पयासी के पक्ष में प्रतिवेदन भेजकर उसे अभयदान दे रहे हैं। अमित पटौदी के संरक्षण के कारण पयासी के हौसले बुलंद है, और वह वन विकास निगम में भ्रष्टाचार का तांडव मचाए हुए है।

* अगले अंक में पढ़िए जाँच एजेंसियों की पयासी से मिलीभगत का सप्रमाण खुलासा