डुबान पार करके 29 बच्चों का भविष्य संवार रहा एक मात्र शिक्षक, भाजपा अल्पसंख्यक की टीम ने शाँल श्रीफल के साथ किया सम्मान,

कोरबा - कोरोना महामारी के बीच स्कूल बंद रहने से विद्यार्थियों को आनलाइन पढ़ाया जा रहा है। हालांकि जहां शिक्षकों की कमी नहीं है, वहां तो बच्चों को आनलाइन पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आ रही है, लेकिन कोरबा जिले में कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां स्कूल ही नहीं है, अभी भी पेड़ों के नीचे पढ़ाई की जाती है, ऐसा ही एक गांव है जहां स्कूल ही नहीं है, आंगनबाड़ी में बच्चों को पढ़ाई करवाई जाती है, हम बात कर रहे हैं कोरबा जिला अंतर्गत ग्राम पंचायत देवपहरी ग्राम देवदुआरी में बिरहोर जाति के 35 से अधिक परिवार रहते है, देवदुआरी गांव में स्कूल ना होने के चलते आंगनबाड़ी में पढ़ने को मजबूर हैं, कक्षा पहली से लेकर पांचवी तक बच्चों को पढ़ाई जाती है, शिक्षक राजेंद्र कुमार साहू कोरबा जिला से देवपहरी पंचायत के डुबान पार कर केदेवदुआरीबच्चों को पढ़ाने जाते हैं, पुलिया ना होने के चलते डोंगा एवं कभी-कभी नदी को पार कर केदेवदुआरीके बच्चों को पढ़ाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चों को पढ़ाने के लिए पहुंचते हैं, जिसे देखते हुए भाजपा अल्पसंख्याक के जिलाध्यक्ष ताज सिद्धकी, कार्यकारिणी सदस्य सैदर खान, देवपहरी सरपंच बंधन सिंह ,बीटीसी पूरन सिंह मंझवार एवं मीडिया साथी पहुंच कर शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक राजेंद्र कुमार साहू एवं मितानिन को सोल एवं श्रीफल देखकर सम्मानित किया गया, बच्चों को पेंसिल किताब भेंट किया गया, एवं आसपास के गांव के लोग भी उपस्थित थे,