कुचामन सिटी_हिंदू युवा वाहिनी ने सौंपा उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

कुचामन सिटी।

हिंदू युवा वाहिनी के तत्वावधान में आज मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन देकर गौ सरक्षंण एंव संवर्धन अधिनियम 2016 में किए गए संशोधन को निरस्त किए जाने की मांग की
जिला अध्यक्ष मदन लाल कुल्डिया ने बताया कि विकंलाग लाचार एंव वृद्ध गौंवश को सरकार द्वारा मिलने वाले अनुदान में मुख्यमंत्री द्धारा संशोंधन किया गया जो पुरी तरह गलत है जल्द से जल्द सरकार अपना आदेश वापिस ले इस मौके पर जिला अध्यक्ष मदन लाल कुल्डिया, जिला महामंत्री महावीर सिंह चांपावत डेगाना, नगर अध्यक्ष रुप सिंह राजपुरोहित, नगर महामंत्री बसंत शर्मा हिराणी,
नगर मंत्री मनोज रांकावत, विनित राजोरिया, पर्वत सिंह, आदि उपस्थित थे।
गौसंरक्षण एंव संवर्धन निधि नियम 2016 में दिनांक 24.08.2020 को अधिनियम पारित किये गये बदलाव को निरस्त करवाने उपरोक्त विषयान्तर्गत निवेदन है कि राज्य के निराश्रित, अपंग, एंव वृध्द गौवंश के संरक्षण एंव संवर्धन हेतु दिनांक 21.11.2016 को गोपालन विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा गौसंरक्षण एंव संवर्धन निधि नियम 2016 बनाये जाने की अधिसूचना जारी की गयी जिसमें राज्य की पंजीकृत गौशालाओं में आवासित निराश्रित, अपंग एंव वृध्द गौवंश के पालन-पोषण हेतु सहायता राशि स्वीकृत करने का प्रावधान रखा गया साथ ही गौसंरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 के नियम 4 में बिन्दु सं. 1 से 4 में इस बाबत निधि प्राप्ति के स्त्रोत का उल्लेख किया गया है इस में बिन्दु संख्या 1 में राजस्थान स्टाम्प अधिनियम, 1998 ( 1999का अधिनियम 14 ) की धारा 3 ख के तहत स्टाम्प डयूटी पर अधिभार से प्राप्त राशि का उल्लेख है एंव वर्तमान में निधि को प्राप्त होने वाली आय मुख्यतः स्टाम्प डयूटी पर अधिभार से ही है।
प्राप्त निधि से वर्तमान में गौसंरक्षण एंव संवर्धन कार्यों में राज्य के निराश्रित, अपाहिज एंव वृध्द गौवंश को संरक्षण देने वाली ऐसी पंजीकृत गौशालाऍ जो दो वर्षों से लगातार संचालित हो एंव कम से कम 200 गौवंश आवासित हो को ही एक वित्तीय वर्ष में 180 दिवस का ( 90-90 दिवस का दो बार ) बड़े गौवंश के लिए 40/- एंव छोटे गौवंश के लिए 20/- प्रति गौवंश प्रतिदिन सहायता राशि दी जा रही है। ऐसी पंजीकृत सहायता राशि प्राप्त करने हेतु पात्र गौशालाऍ राज्य में कुल 1980 के लगभग है। वर्तमान में राज्य में कुल 2980 पंजीकृत गौशालाऍ क्रियाशील है तथा लगभग 500 गौशालाऍ अपंजीकृत भी संचालित है। इस प्रकार से लगभग 1500 गौशालाओं में आवासित गौवंश को सहायता राशि दिये जाने हेतु निधि की व्यवस्था होनी है तथा 1980 गौशाओं को भी राजस्थान सरकार द्वारा घोषित 9 माह की सहायता राशि दिये जाने बाबत अभी 90 दिवस की सहायता राशि अतिरिक्त देनी प्रस्तावित है जो निधि की कमी के कारण संभव नहीं हो पा रहा है। निधि नियमों में गौसंवर्धन के कार्य निधि की कमी के कारण प्रारम्भ ही नहीं हो पा रहे हैं जिसके लिए अन्य स्रोतों से आय प्राप्त कर उक्त कार्य प्रारम्भ करवायें जाने है। गौसंरक्षण एंव संवर्धन निधि नियम के नियम 10 में प्राप्त राजस्व का 10 प्रतिशत आरक्षित रखने का प्रावधान है।
दिनांक 06.02.2020 को गौवंश संरक्षण संवर्धन अधिभार उपयोग सलाहकार समिति की आयोजित बैठक में गौसंरक्षण हेतु दिशा-निर्देश जारी किये जाने बाबत निर्णय लिये गये परन्तु निधि नियम 10 में प्राप्त राजस्व को अन्य प्रयोजनार्थ उपयोग में लिये जाने बाबत भी निर्णय लिया गया है जो न्याय संगत नहीं है क्योंकि इस आरक्षित कोष का केवल आपदा, अकाल, अभाव, चारा दुर्भिक्ष के समय गौवंश की सहायतार्थ उपयोग में लिये जाने बाबत गठन किया गया था।
दिनांक 24.08.2020 को एक अध्यादेश पारित कर राजस्थान स्टाम्प अधिनियम, 198 ( 1999 का अधिनियम 14 ) की धारा 3 ख के तहत स्टाम्प डयूटी पर अधिभार से प्राप्त राशि का गौसंरक्षण एंव संवर्धन के उपयोग में ही लिया जायेगा में अतिरिक्त अन्य प्रायोजनों में उपयोग में लिए जाने बाबत बदलाव किया गया है। जबकि निधि नियम 7 में प्राप्त राशि को इस कार्य में लगे कार्मिकों के वेतन, फार्नीचर,वाहन, भवन मरम्मत आदि पर भी व्यय नहीं किये जाने का प्रावधान है।
इस प्रकार जिन उदेश्यों की प्राप्ति हेतु गौसंरक्षण एवं संवर्धन निधि नियमों 2016 बनाये गये थे उनकी प्राप्ति से पूर्व ही गौसंरक्षण एंव संवर्धन हेतु प्राप्त की गई राशि का अन्य प्रयोजनार्थ उपयोग में लिया जाना न्याय संगत एंव तर्क संगत नहीं है।
अतः माननीय से निवेदन है कि राजस्थान सरकार द्वारा दिनांक 24.08.2020 को राजस्थान स्टाम्प अधिनियम, 1998 ( 1999 का अधिनियम 14 ) की धारा 3 ख के तहत बदलाव किये गये अधिनियम को निरस्त करवाने की कार्यवाही कर गौसंरक्षण एंव संवर्धन के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान कर अनुगृहित करें।