लोक ग्रंथ रामचरितमानस की ओर लौटे युवा पीढ़ी: प्रेमकुमार पाटीदार


डूंगरपुर। गोस्वामी तुलसीदास जयंती पर उन्हें याद करते हुए पूर्व उप जिला प्रमुख प्रेमकुमार पाटीदार ने युवा पीढ़ी को कोरोना काल में लोक ग्रंथ रामचरितमानस की ओर लौटने का आग्रह किया। हमारा देश धर्म और समाज जब-जब नाना प्रकार की परेशानियों में रहा तब-तब संत महापुरुषों ने अपने कर्तृत्व द्वारा उससे राहत दिलाई एवं नई दिशा दी।गोस्वामी तुलसीदास ने रामभक्ति के द्वारा न केवल अपना ही जीवन कृतार्थ किया वरन्? समूची मानव जाति को श्रीराम के आदर्शों से जोड़ दिया। आज समूचे विश्व में श्रीराम का चरित्र उन लोगों के लिए आय बन चुका है जो समाज में मर्यादित जीवन का शंखनाद करना चाहते हैं। भगवान वाल्मीकि की अनूठी रचना 'रामायण' को आधार मानकर गोस्वामी तुलसीदास ने लोक भाषा में रामकथा की मंदाकिनी इस प्रकार प्रवाहित की कि आज मानव जाति उस ज्ञान मंदाकिनी में गोते लगाकर धन्य हो रही है।