दबे कुचले आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को उजागर करने का कालखण्ड चल रहा है- सांसद राजकुमार रोत

संतोष व्यास। आदिवासी प्रेरणा स्थल घाटा फला चौरासी पर स्वतंत्र सेनानी डामोर रामा/ पथु की मूर्ति अनावरण एवं आदिवासी प्रतिभा तथा वरिष्ठजन सम्मान समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम में 10वी व 12वी छात्र-छात्राओं, राजकीय सेवा में नवचयनित युवाओं, प्रतियोगिता परीक्षाओं में उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों, सेवानिवृत अधिकारी एव कर्मचारियों का सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में डूंगरपुर जिले के समस्त ब्लॉक से आदिवासी समाज के लोग सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में पधारे सभी वक्ताओ ने सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक व ऐतिहासिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। उद्देश्य अनुरूप कार्यक्रम में सभी प्रतिभाओं को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया गया।

सांसद राजकुमार रोत ने अपने सम्बोधन में कहा कि अपने आदिवासी समाज में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बस उन्हें निखारने की आवश्यकता है, जिसका परिणाम अब सामने आने लगा है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले आदिवासी महापुरुषों के इतिहास और योगदान को आगे लाने में समाज की एकजुटता की कमी आड़े आई। संविधान में मिले अधिकारों से आदिवासी समाज अब भी वंचित सा रहा है। सांसद रोत ने अपने संबोधन में सामाजिक एकता पर जोर दिया।
TEF सरक्षक भँवरलाल परमार ने अपने उद्बोधन में आदिवासी समाज को शिक्षित, संघटित व आदिवासी समुदाय के हक अधिकारो के लिये आगे आने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के कुल 304 (कक्षा 10वीं के 147 व कक्षा 12वीं के 157) टॉपर बच्चों को शिक्षा की देवी भील काली बाई कलासुआ के प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया, वहीं डूंगरपुर जिले के अन्य समस्त ब्लॉक के कक्षा 10वीं और 12वीं के कुल 10 टॉपर आदिवासी बच्चों को स्वतंत्रता सैनानी भील नाना भाई खांट के प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।