भारत तिब्बत सहयोग मंच द्वारा स्वामी विवेकानंद का पुण्य स्मरण

भारत तिब्बत सहयोग मंच जिला नागौर द्वारा विश्वव्यापी महामारी कोरोना के कारण लॉकडाउन व सरकारी दिशा निर्देशों की पालना करते हुए आज श्री सागरमल बानूड़ा आदर्श बाल मंदिर माध्यमिक विद्यालय में स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई । इस अवसर पर मंच के जिलाध्यक्ष श्याम सुंदर सैनी ने स्वामी विवेकानंद के कार्यों का वर्णन करते हुए कहा कि अमेरिका स्थित शिकागो में सन 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व कर भारत को स्वामी विवेकानंद ने गौरवान्वित किया था । स्वामी जी का जन्म 12 जनवरी 1963 में हुआ था। इस दिवस को युवा दिवस के रुप मे मनाया जाता है। उनके सबसे प्रेरक विचारों मे से एक - *उठो, जागो और जब तक अपने लक्ष्य को प्राप्त न करलो तब तक रूकना नहीं* था । स्वामी जी का निधन 4 जुलाई 1902 में कोलकाता के बेलूर मठ में हुआ था । इस प्रकार 39 वर्ष की अल्पायु में ही उन्होंने भारत की धर्म ध्वजा संपूर्ण विश्व में लहरा दी थी । प्रधानाध्यापक डॉक्टर जयंत कुमार ने स्वामी जी की जीवनी एंव उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। मंच की जिला उपाध्यक्ष ( महिला विंग ) श्रीमती बरखा जैन ने स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि दी तथा सभी का आभार व्यक्त किया । शाला की उप प्रधानाचार्य श्रीमती शारदा राठी ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।