UP: पिता के पद चिन्हों पर बेटा, पढ़े ऐसी एक कहानी 

सुल्तानपुर. 'अब्दुल हक' जिले मे ही नही प्रदेश के कई जिलो मे लोग नाम से वाकिफ है। दिल्ली स्थित कई देशों की एंबेसी के अफसर और मातहत भी इस नाम को सम्मान देते हैं। इनका सात का बेटा है अब्दुल समद, जिसने बाप से प्रेरणा लेटे हुए उनके पद चिन्हों पर बचपन से ही चलाने शुरू कर दिया है।

आपको बता दें कि अब्दुल हक़ कादीपुर कोतवाली के तुलसी नगर के निवासी हैं। पिछले कुछ सालो से विदेश मे फंसे लोगों को छुड़ाने और विदेश मे हुई किसी भारतीय की लाश को जल्द से जल्द उसके घर पहुंचाने मे उनका अहम योगदान है। अब उनका सात वर्षीय पुत्र अब्दुल समद भी उसी लाइन पर आ गया है। फिलवक्त जब देश मे कोरोना महामारी के मद्देनजर लगे लाकडाउन मे लोग मदद के लिए गुहार लगा रहे हैं और हर कोई यथा संभव मदद के लिए आगे आ रहा तो उसी मे एक नाम सात साल के अब्दुल समद का भी दर्ज हुआ है। शनिवार को अब्दुल समद ने अपना गुल्लक तोड़ा, जिसमे रखे गए पैसों को उसने गिना तो वो पूरे 16 सौ थे। उन पैसों को लेकर वो पिता अब्दुल हक़ के पास आया और कहा के मै इससे देश के लोगों की मदद करना चाहता हूं। इस पर वो बेटे को लेकर कादीपुर एसडीएम आफिस पहुंचे। यहां एसडीएम महेंद्र कुमार को बेटे से ये रुपए दिलाकर उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष जमा करने को कहा है।