बनाया 'युवा मददगार मंच', फिर जेब खर्च जुटाकर पहुंचाया 500 परिवार मे राशन

सुल्तानपुर. वैसे इस लाकडाउन मे उन संस्थाओ की पोल खुल गई है जो हर साल सरकार से लाखों-करोड़ों रुपए मजबूरों और मजलूमों के नाम पर लेकर डकार जाती हैं। अब जब ऐसो पर जरूरत आई है तो कुछेक सरकारी लाभ पाने वाली संस्थाए मुंह घूमा कर पीछे हट चली हैं। ऐसे मे उन संस्थाओ और सामाजिक संगठनो ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं जिन्हे न कोई सरकारी मदद मिलती है, न विदेश से चंदा। शहर के चंद युवको द्वारा बनाया गया 'युवा मददगार मंच' उन्ही सामाजिक संगठनो मे से एक है। जिसमे कुछ दोस्त यार ने मिलकर इसे तैयार कियाऔर फिर जेब खर्च जमा करके शुरू कर दिया घर-घर राशन पहुंचाने का काम।

सामाजिक संगठन युवा मददगार मंच लगातार गरीब और मजदूर वर्ग को राहत सामग्री (राशन और मास्क) बांटने का काम कर रहा है। अब तक युवा मददगार मंच के साथी 500 से अधिक परिवार को राशन बांट चुके हैं। इन्होंने शहरी क्षेत्र के डिहवा, नबीपुर, दरियापुर, खैराबाद, ईदगाह, प्यारेपट्टी, करौंदिया, अमहट कॉलोनी, ओमनगर और शास्त्रीनगर आदि इलाको मे अब तक राहत सामग्री पहुंचाई है। मददगार मंच के साथियों का कहना है कि संकट की इस घड़ी में लोगों को कोरोना महामारी को लेकर जागरूक करने के साथ-साथ जब तक लॉकडाउन जारी है हम जरूरतमंद लोगों तक राहत पहुंचाने की हर संभव कोशिश करते रहेंगे।
खिदमत-ए-इंसानियत की इस मुहिम में संगठन के मोहम्मद हलीम, वकार मुनैफ, अमित गुप्ता, अज़हर उर्फ सानू , सोनू, खुर्शीद आलम, राकेश, अमन, ताबिश, हैदर अली और कैफ आदि शामिल हैं।