सहकारिता विभाग के अधिकारी पर राजनीतिक दबाव का दिखा असर,जनपद सदस्य पर कार्यवाही केवल औपचारिकता हुई साबित।सूत्र

बैकुंठपुर।सूत्र आदिम जाति सेवा सहकारी समिति सलबा, (बैकठपुर कोरिया) मे जनपद सदस्य को अध्यक्ष प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त पर आपत्ति दर्ज होने की शिकायत पर विभाग द्वारा कार्यवाही कर तीन दिवस के भीतर जवाब मांगा गया था जनपद सदस्य द्वारा सहायक पंजीयक कार्यालय में जवाब तलब नहीं करते हुए नियमों को ताक में रख अध्यक्ष पद का लाभ लिया जा रहा है जबकि नियमानुसार समिति में अध्यक्ष पद के लिए समिति का सदस्य होना अनिवार्य होना बताया गया है जिसके बाद भी सहकारिता विभाग जनपद सदस्य को अध्यक्ष प्राधिकृत का दर्जा दिया गया है वहीं सहायक पंजीयक कार्यालय में आवेदक राजेश रजवाड़े ने दिनांक 18.10.2025 को शिकायत की थी अपने शिकायत में यह उल्लेख किया है कि आदिम जाति सेवा सहकारी समिति सलबा मे जनपद सदस्य को सेवा सहकारी समिति में अध्यक्ष मनोनीत किया गया है जबकि सरकार द्वारा मानदेय प्राप्त करने वाला कोई भी व्यक्ति सेवा सहकारी समिति में अध्यक्ष नहीं रह सकता है जिसके शिकायत सहकारिता विभाग ने तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण मांगा था इस संबंध में विदित हो कि छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी नियम 1962 के नियम 43-ख के उपनियम (4) (क) के प्रावधान अनुसार गठित कमेटी द्वारा दिनांक 14.11.2024 को आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्या. सलबा पं. क्र. 290 विकास खंड बैकुंठपुर जिला कोरिया के बोर्ड की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए प्राधिकृत किए जाने हेतु अनुशंसा की गयी थी उक्त अनुशंसा के परिपालन में कार्यालयीन आदेश क्र./विधि/2024/513 बैकुंठपुर दिनांक 14.11.2024 के द्वारा आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्या सलबा के बोर्ड के शक्तियों का प्रयोग करने हेतु प्राधिकृत किया गया था। छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी नियम 1962 के नियम 43 (ख) एवं 44(घ) में उल्लेखित अयोग्यताओं से ग्रसित होने पर स्पष्टीकरण 03 दिवस के भीतर कार्यालय में प्रस्तुत सुनिश्चित करने कहा गया था लेकिन सूत्रों की माने तो जनपद सदस्य द्वारा तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण नहीं दी गई है सहकारिता विभाग के आलाधिकारी भी समय सीमा अधिक हों जाने के बाद भी कार्यवाही करने में असमर्थ है कही न कही विभाग राजनीतिक दबाव होने के कारण कार्यवाही करने से कतरा रहा है एक व्यक्ति द्वारा नाम न छपाने के शर्त बताया कि जनपद सदस्य अधिकारी पर हावी हो कर फटकार लगा दी है जिसके बाद से विभाग कार्यवाही करने से दूरी बनाया हुआ है जिसके कारण सलबा आदिम जाति सेवा सहकारी विभाग में अब तक नए अध्यक्ष की नियुक्ति विभाग नहीं कर सका, छत्तीसगढ़ में पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र होने के बाद भी आदिम जाति सेवा सहकारी विभाग में अध्यक्ष पर सवाल खड़े हो रहे है सलबा आदिम जाति सेवा सहकारी विभाग में अध्यक्ष नियुक्ति की गई है अन्य जिलों में जबकि ऐसा नहीं देखा गया है पूर्व में कांग्रेस सरकार जब तक रही तब भी आदिम जाति सेवा सहकारी विभाग में नियम के तहत अध्यक्ष नियुक्त हुआ करते थे फिलहाल देखना होगा सहायक पंजीयक कार्यालय के अधिकारी द्वारा किस प्रकार से आगे कार्यवाही करती है या राजनीतिक दबाव के कारण विभाग मौन रहेगा।