श्रम आयुक्त विभाग की लापरवाही से लाभार्थी परेशान, सदर विधायक ने श्रमायुक्त लापरवाह अधिकारी पर गिराई थी गाज

चित्रकूट जिले में श्रम विभाग के लापरवाह रवैये से पात्र लाभार्थियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।श्रम प्रवर्तन अधिकारी पर गंभीर आरोप लगे हैं कि वे दलालों के माध्यम से योजनाओं का लाभ पहुंचा रहे हैं, जबकि असली पात्र मजदूर और श्रमिक परिवार सरकारी योजनाओं से वंचित हैं।सूत्रों के मुताबिक, विभाग में आवेदन दिए महीनों बीत चुके हैं, लेकिन सत्यापन और भुगतान की प्रक्रिया जानबूझकर टाल दी जा रही है। वहीं, कुछ चुनिंदा लोगों को बिना पूरी जांच के लाभार्थी सूची में शामिल किया जा रहा है। जब की समाजवादी पार्टी से सदर विधायक अनिल प्रधान की शिकायत के बाद श्रमायुक्त उप्र अनिल कुमार ने तत्कालीन श्रम प्रवर्तन अधिकारी दुष्यंत कुमार और वर्तमान श्रम प्रवर्तन अधिकारी अरुण कुमार तिवारी को मुख्यालय कानपुर से संबद्ध कर दिया है। दोनों अधिकारियों पर की गई शिकायतें जांच में प्रथमदृष्टया सही पाई गई हैं।गौरतलब है कि सदर विधायक ने तत्कालीन श्रम प्रवर्तन अधिकारी दुष्यंत कुमार, जो अब बबेरू बांदा में पदस्थ हैं, पर निर्माण श्रमिकों के लिए उप्र भवन अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार व अन्य अनियमितताओं की शिकायत की थी इससे क्षेत्र के मजदूरों में भारी नाराजगी है।स्थानीय लोगों का कहना है कि श्रमिक कल्याण योजनाएं जरूरतमंदों के लिए बनी हैं, लेकिन विभागीय कर्मियों और दलालों की मिलीभगत से इन योजनाओं को भ्रष्टाचार का माध्यम बना दिया गया है।कई लाभार्थियों ने शिकायत की है कि उनसे योजनाओं में नाम जोड़ने के बदले पैसे की मांग की जा रही है।लोगों ने मुख्यमंत्री और श्रम मंत्रालय से मांग की है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।ग्रामीणों का कहना है कि जब तक भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगेगी, तब तक सबसे गरीब और मेहनतकश वर्ग को उसके अधिकार नहीं मिल पाएंगे।वहीं, जब इस मामले में विभागीय अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। फिलहाल जिले में इस मामले को लेकर चर्चा जोरों पर है, और लोग न्याय की उम्मीद लगाए हुए है