देना होगा जिंदा होने का सबूत

देना होगा जिंदा होने का सबूत

अम्बेडकरनगर
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के सभी सक्रिय मजदूरों को अपने जीवित होने का सबूत देना होगा। इसके लिए ई-केवाईसी कराई जाएगी और इस पर काम भी शुरू कर दिया गया है। यह व्यवस्था सरकारी पेंशनरों की तर्ज पर शुरू कराई गई है। इसका मकसद मनरेगा कार्यों में हो रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगाना है। जनपद में मनरेगा के कार्यों में अक्सर गोलमाल के मामले प्रकाश में आते रहे हैं। मजदूरों की हाजिरी को लेकर जो गोलमाल अभी तक होता रहा है, उस पर अंकुश लगाने की पूरी तैयारी की जा रही है। जॉबकार्ड धारक सक्रिय मजदूरों की ई-केवाईसी नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम और आधार फेस प्रमाणीकरण एप के जरिए होगी।मजदूरों का इसी एप के माध्यम से अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र साइट पर अपलोड किया जाएगा। कार्यस्थल पर मजदूरों के चेहरे का प्रमाणीकरण सुनिश्चित किया गया है। इससे उनकी वास्तविक उपस्थिति दर्ज होगी। खास बात यह है कि अगर कोई मजदूर स्वयं काम पर नहीं आता है और उसकी जगह कोई दूसरा काम करता है, तो उस व्यक्ति का फेस प्रमाणीकरण नहीं होगा और उसकी मजदूरी का रिकॉर्ड भी दर्ज नहीं होगा। जनपद में मौजूदा समय में 146528 सक्रिय जॉब कार्ड धारक हैं। इन सभी की ई-केवाईसी कराई जाएगी। केंद्रीय ग्रामीण मंत्रालय के निर्देश पर जनपद में काम भी शुरू करा दिया गया है। इस माह के अंत तक कार्य को पूरा कराए जाने के निर्देश हैं। मगर सर्वर आदि की समस्या के चलते काम में और भी अधिक समय लग सकता है। वैसे जनपद में अभी तक 25 फीसदी सक्रिय जॉब कार्ड धारकों की ई-केवाईसी हो चुकी है। जो मजदूर ई-केवाईसी नहीं कराएंगे, उन्हें योजना के तहत काम मिलना मुश्किल हो जाएगा। ई-केवाईसी के लिए मजदूरों को आधार कार्ड, जॉब कार्ड, बैंक पासबुक ले जाना आवश्यक है। अधिकारी बोले-- ?ई-केवाईसी का काम चल रहा है। जल्द से जल्द ई-केवाईसी कराने के लिए निर्देशित किया गया है। इस व्यवस्था से पारदर्शिता आएगी। इसके साथ ही गड़बड़ियों पर भी लगाम लगेगी।? अनिल सिंह, प्रभारी डिप्टी कमिश्नर मनरेगा