Chandauli News:वनांचल की बेटियों ने रचा इतिहास: मेहनत के दम पर गोल्ड मेडल हासिल कर बढ़ाया जनपद का गौरव,

मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास व संस्कृत विभाग की छात्राओं को स्वर्ण पदक, कई छात्राओं ने टॉप-10 में बनाई जगह

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय�

चंदौली।वनांचल की धरती से उठकर मेहनत, लगन और ज्ञान के बल पर चकिया की बेटियों ने इतिहास रच दिया। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी द्वारा आयोजित 47वें दीक्षांत समारोह में सावित्री बाई फुले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, चकिया की दो प्रतिभाशाली छात्राओं ने गोल्ड मेडल प्राप्त कर न सिर्फ महाविद्यालय का नाम रोशन किया, बल्कि जिले का मान भी बढ़ाया।

8 अक्टूबर 2025 को आयोजित इस समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल, पद्मश्री सरोज चूड़ामणि गोपाल और कुलपति आनंद कुमार त्यागी �के हाथों से मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास विभाग की कुमारी सत्या तथा संस्कृत विभाग की मोनिका साहनी को स्नातकोत्तर परीक्षा (2023?25) में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।इतिहास विभाग में परवीन बानो ने तीसरा, पुष्पा ने चौथा और अंकिता गुप्ता ने दसवां स्थान प्राप्त किया, जबकि संस्कृत विभाग में सरिता कुमारी ने दूसरा, शिवानी तिवारी ने छठा, शालिनी गुप्ता ने सातवां, स्तुति शुक्ल ने आठवां, अंजू कुमारी ने नौवां और विनीता यादव ने दसवां स्थान हासिल किया। अर्थशास्त्र विभाग में फातिमा फिरदौस ने आठवां स्थान प्राप्त कर सफलता का परचम लहराया।

महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर संगीता सिन्हा ने छात्राओं की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि कुमारी सत्या और मोनिका साहनी ने स्वर्ण पदक जीतकर न केवल महाविद्यालय का गौरव बढ़ाया, बल्कि अन्य छात्राओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। उन्होंने सभी छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।इतिहास विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार यादव ने कहा कि विभाग की चार छात्राओं ने टॉप टेन में स्थान पाकर और गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। विगत छह वर्षों में विभाग की दो दर्जन से अधिक छात्राओं ने विश्वविद्यालय की मेधावी सूची में स्थान बनाया है, जिनमें चार स्वर्ण और तीन रजत पदक शामिल हैं।एनएसएस प्रभारी एवं इतिहास विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि छात्राओं की यह सफलता विभाग के सामूहिक परिश्रम और अनुशासन का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कि आप सभी की सफलता ही हमारी पूंजी है, जो हमें निरंतर समृद्ध करती है। मेहनत और लगन ही सफलता की सच्ची कुंजी है।मेधावी सूची में शामिल छात्राओं ने कहा कि उनकी यह उपलब्धि माता-पिता और गुरुजनों के परिश्रम, मार्गदर्शन और आशीर्वाद का प्रतिफल है। इस गौरवशाली उपलब्धि से महाविद्यालय में हर्ष और उत्साह का माहौल व्याप्त है।इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापक सरवन कुमार यादव, रमाकांत गौड़, संतोष कुमार, कलावती, प्रियंका पटेल, मिथलेश कुमार सिंह, पवन कुमार सिंह, अमिता सिंह, शमशेर बहादुर, विश्व प्रकाश शुक्ल, रोहित कुमार यादव, देवेन्द्र बहादुर सिंह, श्याम जन्म सोनकर सहित अनेक छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

वनांचल की इन बेटियों ने यह साबित कर दिया कि दृढ़ इच्छाशक्ति, परिश्रम और समर्पण के साथ कोई भी ऊँचाई हासिल की जा सकती है। उनकी यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनकर इतिहास में दर्ज हो गई है।