Chandauli News:आत्मविश्वास ही असली शक्ति- मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं को मिला सशक्त समाज का संदेश,महिलाओं में बढ़ा आत्मनिर्भरता और सुरक्षा का भाव, कानून व सरकारी योजनाओं की दी गई जानकारी 

महिलाएं खुद बनें अपनी ढाल- जागरूकता ही सशक्तिकरण की असली पहचान

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया।उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार चलाए जा रहे मिशन शक्ति अभियान फेज-5 के तहत शनिवार को जनपद में महिला सशक्तिकरण को लेकर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम चकिया कोतवाली क्षेत्र में आयोजित हुआ, जहां महिला रिपोर्टिंग पुलिस चौकी की प्रभारी खुश्बू यादव एवं महिला कांस्टेबल रीता मिश्रा ने महिलाओं को सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और अधिकारों के प्रति जागरूक किया।

कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ाना, उनके अधिकारों की जानकारी देना और उन्हें अपने प्रति सजग बनाना था। खुश्बू यादव ने कहा कि महिला सशक्तिकरण तभी संभव है जब महिलाएं खुद अपने अधिकारों को जानें और निर्भय होकर अपनी आवाज उठाएं।इस दौरान महिलाओं को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, 181 महिला हेल्पलाइन, निराश्रित महिला पेंशन योजना, महिला शरणालय, शक्ति सदन और सखी निवास जैसी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई।इसके साथ ही महिला सुरक्षा से संबंधित प्रमुख कानूनों घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम 2013, दहेज निषेध अधिनियम 1961 (संशोधित 1986) तथा गर्भधारण पूर्व एवं प्रसवपूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 के बारे में भी विस्तार से बताया गया।

महिला पुलिस कर्मियों ने कहा कि समाज में महिलाओं की समान भागीदारी तभी संभव है जब वे खुद को निडर, आत्मविश्वासी और जागरूक बनाएं। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से अपील की कि वे अपने आस-पास की अन्य महिलाओं को भी सुरक्षा और अधिकारों के प्रति जागरूक करें।मिशन शक्ति केंद्र चकिया की कार्यप्रणाली, उद्देश्य और वहां उपलब्ध सेवाओं के बारे में भी जानकारी दी गई। केंद्र का उद्देश्य महिलाओं को एक ऐसा सुरक्षित और सहयोगी वातावरण प्रदान करना है जहां वे अपनी समस्याओं का समाधान पा सकें।खुश्बू यादव ने कहा कि हर महिला में अपार शक्ति छिपी है। जरूरत है उस शक्ति को पहचानने और सही दिशा में प्रयुक्त करने की।उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाएं समाज के हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, और अब समय है कि वे खुद को अपनी सुरक्षा की प्रतीक बनाएं।कार्यक्रम के अंत में उपस्थित महिलाओं को सुरक्षा संबंधी पम्पलेट वितरित किए गए और उनसे यह वादा कराया गया कि वे मिशन शक्ति के संदेश को अपने घरों और समाज तक पहुंचाएंगी।