44 लड़कियों को दिया नया जीवन: गौरव थतै बने समाजसेवा के प्रेरक प्रतीक

चित्तौड़गढ़ ( राहुल कुमार वर्मा ) मानवता की सेवा ही सच्ची उपासना है ? यह सिद्ध किया है चित्तौड़गढ़ निवासी गौरव थतै पुत्र सुरेश थतै ने, जो पिछले पाँच वर्षों से परोपकारी सेवा संस्था में कार्यरत हैं। अपनी निस्वार्थ समाजसेवा से उन्होंने अब तक 44 लड़कियों को नया जीवनदान दिया है और उनमें से 13 की शादियाँ भी स्वयं करवाकर उन्हें सशक्त जीवन की राह पर आगे बढ़ाया है।

गौरव थतै के निरंतर प्रयासों, समर्पण और मानवीय संवेदनाओं को देखते हुए वर्थ वेलनेस फाउंडेशन ने उन्हें श्रेष्ठ भारत पुरस्कार से सम्मानित किया है। यह सम्मान उन्हें एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता और न्यू जर्नलिस्ट एसोसिएशन (राष्ट्रीय) में उनकी सक्रिय भूमिका के लिए प्रदान किया गया।

फाउंडेशन की ओर से जारी प्रमाणपत्र में उल्लेख किया गया कि गौरव थतै ने जनकल्याण, सामुदायिक संपर्क और जिम्मेदार सामाजिक जुड़ाव के माध्यम से समाज में सार्थक प्रभाव डाला है और सकारात्मक बदलाव को प्रेरित किया है। उनके कार्य राष्ट्र और समाज के प्रति गहरी जिम्मेदारी की भावना को दर्शाते हैं।

गौरव थतै का यह प्रयास न केवल जरूरतमंद लड़कियों के जीवन में खुशियां लेकर आया है, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी बना है। अधिकारी, कर्मचारी और गणमान्य नागरिकों ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि ऐसे लोग ही समाज में बदलाव की असली ताकत होते हैं।

गौरव थतै की सेवा और निष्ठा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।