महात्मा गांधी जयंती पर बंहनीडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जागरूकता कार्यक्रम

? कुष्ठ उन्मूलन, स्वच्छता शपथ और मरीजों के प्रति सेवा का अनूठा संगम-

बंहनीडीह (जांजगीर-चांपा)।आज 2 अक्टूबर का दिन भारत के इतिहास में हमेशा से एक प्रेरणा लेकर आता है। यही वह दिन है जब पूरी दुनिया भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मोत्सव के रूप में अहिंसा, सत्य और सेवा का संदेश याद करती है। इस अवसर पर पूरे देश में स्वच्छता अभियान, जनजागरूकता और सामाजिक उत्थान के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी कड़ी में आज बंहनीडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC बंहनीडीह) में गांधी जयंती विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसने सेवा और संवेदना दोनों का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया।

### कार्यक्रम की शुरुआत गांधी जी के आदर्शों को नमन

सुबह से ही स्वास्थ्य केंद्र के प्रांगण में एक सादगीपूर्ण लेकिन भावनात्मक माहौल था। स्वास्थ्य कर्मियों, मरीजों और ग्रामवासियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया। गांधी जी के प्रिय भजन और उनके जीवन प्रसंगों का स्मरण कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई। यह सिर्फ औपचारिक आयोजन नहीं था, बल्कि गांधी के संदेशों को जीवन में उतारने का संकल्प था।

### नेतृत्व और मार्गदर्शन

इस आयोजन की सफलता का श्रेय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आदरणीय बीएमओ (Block Medical Officer) डॉ. अजंबर सिंह, बीपीएम (Block Programme Manager) श्री सुरेश जायसवाल और बीईटीओ (Block Extension and Training Officer) श्री अहीर जी को जाता है। तीनों ही अधिकारियों ने न केवल कार्यक्रम का नेतृत्व किया बल्कि सभी उपस्थितों को प्रेरित भी किया।

डॉ. अजंबर सिंह ने अपने संबोधन में कहा-

गांधी जी ने हमेशा सेवा और स्वच्छता को ही सर्वोच्च धर्म माना। अगर हम समाज को स्वस्थ और मजबूत बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले स्वच्छता और जागरूकता को अपनाना होगा।

### कुष्ठ रोग जागरूकता पर विशेष ध्यान

कार्यक्रम का मुख्य केंद्र बिंदु कुष्ठ रोग उन्मूलन रहा। आज भी समाज के कई हिस्सों में कुष्ठ रोग को लेकर गलतफहमियाँ और सामाजिक भेदभाव मौजूद हैं। इस अवसर पर कुष्ठ प्रभारी श्री के. के. थवाइथ ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह बीमारी इलाज योग्य है और सरकार इसके लिए मुफ्त उपचार उपलब्ध कराती है।

उन्होंने कहा-

कुष्ठ रोग से डरने की नहीं, बल्कि जागरूक होकर इसका इलाज करने की आवश्यकता है। यह रोग छूने या साथ बैठने से नहीं फैलता, बल्कि इसके लिए मेडिकल सपोर्ट और समय पर इलाज बेहद जरूरी है।

### स्वच्छता शपथगांधी के सपनों का भारत

महात्मा गांधी का सबसे बड़ा सपना था स्वच्छ भारत। इस विचार को आत्मसात करते हुए कार्यक्रम के दौरान सभी उपस्थितों ने मिलकर स्वच्छता शपथ ली। डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, मरीज और ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि वे न सिर्फ अपने घर बल्कि आसपास की गली, मोहल्ले और गाँव को स्वच्छ रखने में योगदान देंगे।

इस शपथ का भाव यह था कि-

स्वच्छता सिर्फ नगर निगम या सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।

### मरीजों को फल वितरण सेवा का मानवीय पहलू

गांधी जयंती को सच्चा सम्मान देने का सबसे बड़ा तरीका है सेवा। इसी भावना के तहत आज स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती मरीजों को फल वितरित किए गए। यह कार्य केवल एक परंपरा नहीं बल्कि मरीजों के प्रति आत्मीयता और अपनापन दर्शाने वाला क्षण था।

फल वितरण में कुष्ठ प्रभारी श्री के. के. थवाइथ के साथ हरप्रसाद कश्यप, मनोज पटेल, गौतम जायसवाल, पंकज पटेल, कुलबीर नायक, मुकेश खूंटे, भानु साहू और अन्य सभी आरएचओ (Rural Health Officers) ने सक्रिय भागीदारी निभाई। यह दृश्य मरीजों के चेहरे पर मुस्कान और उनके मन में आत्मबल बढ़ाने वाला साबित हुआ।

### सहयोग और एकजुटता का माहौल

कार्यक्रम का सबसे सराहनीय पहलू यह रहा कि इसमें केवल अधिकारी ही नहीं बल्कि पूरा स्वास्थ्यकर्मी वर्ग एक साथ दिखाई दिया। डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स, आरएचओ और सफाई कर्मियों ने मिलकर एकजुटता का परिचय दिया। गांधी के सिद्धांत सबका साथ, सबका विकासकी झलक यहाँ साफ देखने को मिली।

### गांधी जयंती का व्यापक सामाजिक संदेश

आज के कार्यक्रम ने यह साबित किया कि अगर स्वास्थ्य सेवाएँ केवल इलाज तक सीमित न रहकर सामाजिक जागरूकता और मानवता से जुड़ें, तो उनका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। कुष्ठ रोग पर दी गई जानकारी और स्वच्छता शपथ सिर्फ एक दिन की रस्म नहीं बल्कि जीवनभर निभाए जाने वाले दायित्व हैं।

### जनता की प्रतिक्रिया

गाँव से आए मरीजों और उनके परिजनों ने कार्यक्रम को सराहा। कई मरीजों ने कहा कि उन्हें पहली बार महसूस हुआ कि अस्पताल सिर्फ दवाइयों तक सीमित नहीं है बल्कि यहाँ उन्हें इंसानियत और आत्मीयता भी मिल रही है।

एक बुजुर्ग मरीज ने कहा-

फल तो रोज मिलते हैं, पर आज जो सम्मान और अपनापन मिला है, वह अमूल्य है।

### गांधी के विचारों का पुनर्स्मरण

गांधी जी ने कहा था-

शरीर को स्वच्छ और स्वस्थ रखना न केवल ईश्वर के प्रति बल्कि समाज के प्रति भी हमारा कर्तव्य है।

आज बंहनीडीह स्वास्थ्य केंद्र का यह आयोजन गांधी जी की इसी सीख को आत्मसात करता हुआ नजर आया।

### भविष्य की दिशा

डॉ. अजंबर सिंह ने अंत में कहा कि इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जाएंगे, ताकि समाज में कुष्ठ रोग और अन्य बीमारियों के प्रति भ्रांतियाँ दूर हों। साथ ही स्वच्छता को जन-आंदोलन बनाकर हर गाँव और कस्बे को साफ-सुथरा बनाया जा सके|

## निष्कर्ष

आज का यह आयोजन केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं था। यह गांधी जयंती पर स्वास्थ्य, स्वच्छता और सेवा का संगम था, जिसमें समाज के हर वर्ग को जोड़ने का प्रयास किया गया।

कुष्ठ रोग के प्रति फैली गलत धारणाओं को दूर करने, स्वच्छता को जीवन का हिस्सा बनाने और मरीजों के प्रति सेवा भाव दिखाने वाला यह आयोजन निस्संदेह महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि था।

समीर खूंटे की विशेष रिपोर्ट, CITIUPDATE