जमीन विवाद बना जान का जंजाल: 50 से अधिक गुंडों के साथ दबंगों ने गरीब परिवार पर किया जानलेवा हमला, थाने में रिपोर्ट तक नहीं लिखी गई!

जांजगीर-चांपा (बिर्रा थाना क्षेत्र)

जमीन के विवाद ने एक गरीब परिवार के लिए ऐसा संकट खड़ा कर दिया है, जो न सिर्फ उसकी जान पर बन आई, बल्कि उसे न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। जांजगीर-चांपा जिले के बसंतपुर गांव में दबंगों द्वारा करीब 50-55 गुंडों के साथ मिलकर एक गरीब किसान परिवार पर जानलेवा हमला किए जाने का मामला सामने आया है। इस घटना से न केवल पीड़ित परिवार दहशत में है, बल्कि थाना स्तर पर कार्रवाई न होने से न्याय व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं।

41 साल पहले खरीदी गई जमीन पर जबरन कब्जे की कोशिश

पीड़ित संतराम नामक किसान का कहना है कि उसने सन् 1984 में खसरा नंबर 282, रकबा 3.20 एकड़ जमीन ग्राम बसंतपुर में गजेन्द्र सिंह पिता प्रताप सिंह से खरीदी थी और तब से वह व उसका परिवार उसी भूमि पर खेती-बाड़ी कर जीवन यापन कर रहे हैं।

लेकिन बीते कुछ वर्षों से राहुल सिंह गौड़, बाबूलाल जसवाल और भाऊ सतनामी नामक दबंग व्यक्ति उक्त भूमि पर जबरन कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे। जब संतराम ने इसका विरोध किया, तो इन दबंगों ने उसे परेशान करने के लिए तहसील कार्यालय में झूठी शिकायतें करना शुरू कर दीं। मामला अब सिविल न्यायालय में विचाराधीन है।

ट्रैक्टर से कब्जा करने पहुंचे गुंडे, किया जानलेवा हमला

दिनांक 30 जून 2025, बुधवार को यह विवाद हिंसक रूप ले बैठा, जब उपरोक्त तीनों आरोपियों ने करीब 50 से 55 बाहरी गुंडों को बुलाकर संतराम के खेतों पर जबरदस्ती ट्रैक्टर चला दिया और जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। जब संतराम और उसके परिवार ने इसका विरोध किया, तो सभी आरोपियों और गुंडों ने मिलकर उस पर और उसके परिवार पर लाठी-डंडों से जानलेवा हमला कर दिया।

इस हमले में संतराम और उसके परिवार के सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए। पीड़ित पक्ष ने बताया कि अगर वे वक्त रहते वहां से भाग कर अपनी जान नहीं बचाते, तो शायद वे इस घटना में मारे जा सकते थे।

पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट, पीड़ित परिवार SP ऑफिस के चक्कर काट रहा

सबसे चिंताजनक बात यह है कि इतने गंभीर हमले और स्पष्ट खतरे के बावजूद, जब संतराम और उसका परिवार बिर्रा थाना पहुंचे, तो थाना प्रभारी ने यह कहकर शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया कि यह "सिर्फ जमीन विवाद का मामला है"।

अब पीड़ित परिवार अपनी जान की रक्षा और न्याय के लिए जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय के चक्कर काट रहा है, मगर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

सवाल प्रशासन से

अब बड़ा सवाल यह है कि? जब मामला न्यायालय में लंबित है, तो ऐसे में दबंगों द्वारा बलपूर्वक कब्जा और हिंसक हमला कैसे जायज़ है?

पुलिस ने क्यों नहीं लिया पीड़ित की शिकायत?

क्या कमजोर और गरीब नागरिकों को न्याय पाना इतना मुश्किल हो गया है?

निष्कर्ष:

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या मीडिया में यह मामला आने के बाद जिले के जिम्मेदार अधिकारी पीड़ित संतराम और उसके परिवार को न्याय दिलाने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाएंगे या फिर दबंगों के डर और प्रभाव के आगे प्रशासन भी मौन रहेगा।

इस घटना ने जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गहरा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।

रिपोर्ट: CitiUpdate के लिए समीर खूंटे

स्थान: बसंतपुर, जांजगीर-चांपा