मानसून के दौरान संरक्षित रेल संचालन हेतु उत्तर पश्चिम रेलवे का विशेष अभियान

मानसून के दौरान संरक्षित रेल संचालन हेतु उत्तर पश्चिम रेलवे का विशेष अभियान

महाप्रबंधक अमिताभ ने मानसून पूर्व की गतिविधियों और सुरक्षात्मक उपाय के लिए जारी किए दिशानिर्देश

मानसून के दौरान अत्यधिक वर्षा के कारण जलभराव के कारण ट्रैक और पुलों को नुकसान पहुंचने के अलावा, कुछ स्थानों पर ट्रैक पर पानी बहने की घटनाएं भी हो जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ट्रेन सेवाएं बाधित होती हैं। ट्रेन सेवाओं के संभावित व्यवधान को कम करने के साथ-साथ ट्रेनों का सुरक्षित संचालन और यातायात की त्वरित बहाली के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ ने अधिकारियों को मानसून पूर्व मानसून के दौरान मानसून के बाद की गतिविधियों तथा उचित सुरक्षात्मक उपाय और विभिन्न स्तरों पर किए जाने वाले निरीक्षणों के संबंध में विशेष निर्देश जारी किए हैं।

महाप्रबंधक के निर्देशानुसार रेल पटरियों के पास की नालियों, नदियों , नहरों पर बने पुलो, ढलानों पर लगे पत्थरों की विशेष निगरानी की जा रही है जिसके लिए गश्ती दल , विशेष चौकीदार नियुक्त किए गए हैं। पूर्व के आंकड़ों के आधार पर पटरियों के पास की नालियों को आवश्यकता अनुसार चौड़ा किया गया है। नदियों , नहरों पर बने पुलों पर बाढ़ और खतरे के स्तर को चिन्हित किया गया है जिससे गश्ती दल , विशेष चौकीदार और लोको पायलटों को स्पष्ट रूप से दिखाई दे। ढलानों पर ढीले पत्थरों को हटाया गया है या पत्थरों को चैन लिंक से बांधा गया है। गश्ती दलों और चौकीदारों को उपकरणों की विशेष योजना और व्यवस्था की गई है।

उचित सुरक्षात्मक उपाय के लिए संवेदनशील स्थानों के पास बोल्डर, खदान की धूल, कोयले की राख आदि सामग्रियों का भंडारण किया गया है। उपरोक्त के अलावा वेग़नो में लोड करने के लिए ग्राउंड स्टॉक भी तैयार रखा गया है जिनमें रेल,स्लीपर, गिट्टी और बोल्डर पर्याप्त मात्रा में रखे गए हैं। साथ ही लोडिंग एजेंसियों के साथ संपर्क किया गया है ताकि जेसीबी, हाइड्रोलिक ट्रैक्टर ट्रॉली आदि अर्थ मूविंग मशीनरी किसी भी आपात स्थिति में अल्प सूचना पर उपलब्ध हो सके। संभाग के अधिकार क्षेत्र से संबंधित सिविल प्राधिकारियों, पुलिस अधीक्षक एवं संबंधित चिकित्सा अधिकारी का अपडेटेड विवरण उनके संपर्क नंबर और सहित संवेदनशील स्थानों पर उपलब्ध कराया गया है। साथ ही गश्ती दलों को मानसून के समय की जाने वाली विशेष पेट्रोलिंग के बारे में शिक्षित करने के लिए सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं।