छत्तीसगढ़ में सफाई कर्मचारियों की नौकरी पर संकट! 16 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी, जांजगीर-चांपा में भी उबाल

जांजगीर चांपा से रिपोर्ट: समीर खूंटे, CitiUpdate

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेशभर के 10,463 शासकीय स्कूलों को मर्ज (विलय) करने की योजना के विरोध में राज्य के 43,301 अंशकालिक स्कूल सफाई कर्मचारी एकजुट होकर आंदोलन की राह पर हैं। राजनांदगांव से शुरू हुआ यह विरोध अब जांजगीर-चांपा समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी तेज़ी से फैल रहा है। स्कूलों को बंद नहीं करने और अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालिक करने की मांग को लेकर सफाई कर्मचारी 16 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दे चुके हैं।

### 🔴 जांजगीर-चांपा में भी दिखने लगा आंदोलन का असर

जिले में भी सफाई कर्मचारियों में भारी असंतोष है। 2011 से कार्यरत ये कर्मचारी, आज भी अंशकालिक वेतन और अस्थिर सेवा शर्तों के तहत काम कर रहे हैं। जिले के 400 से अधिक स्कूलों में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को यह भय सता रहा है कि यदि स्कूलों का मर्जर हुआ, तो उनकी नौकरी खत्म हो सकती है|

ग्राम पंचायत और ब्लॉक स्तर के स्कूलों में काम करने वाले कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि ?हम वर्षों से बिना स्थायित्व के काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार हमें नजरअंदाज़ कर रही है।?

### 📌 कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

1. जिन स्कूलों को बंद करने की तैयारी है, उन्हें बंद न किया जाए।

2. यदि स्कूलों का मर्जर होता है, तो सफाई कर्मचारियों को शिक्षकों की तरह अन्य स्कूलों में समायोजित किया जाए।

3. अंशकालिक सफाई कर्मचारियों को पूर्णकालिक घोषित किया जाए और उनके वेतन व सेवा शर्तों में सुधार किया जाए।

### 🗣️ क्या बोले कर्मचारी संगठन?

छत्तीसगढ़ स्कूल सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश नेतृत्व से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया कि अगर उनकी मांगों को अनदेखा किया गया, तो 16 जून से समस्त जिला मुख्यालयों और विकासखंड कार्यालयों के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ किया जाएगा।

जांजगीर-चांपा में ब्लॉक अध्यक्षों और कर्मचारियों ने बैठक कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है।कहा गया है कि "अब आर-पार की लड़ाई होगी, सरकार को हमारी मांगें माननी होंगी नहीं तो काम ठप कर दिया जाएगा।"

### ⚠️ स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई भी होगी प्रभावित

स्कूलों में पहले ही शिक्षकों की कमी है, ऐसे में यदि सफाई कर्मचारी भी काम बंद कर देते हैं, तो छात्रों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण बना पाना मुश्किल हो जाएगा। मानसून की शुरुआत में स्कूलों में गंदगी, जलभराव और संक्रमण जैसे खतरे बढ़ जाएंगे।

### 💡 सरकार क्या करेगी?

अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार इस हड़ताल को लेकर क्या रुख अपनाती है। क्या कर्मचारियों की मांगों पर कोई सकारात्मक निर्णय आएगा? या फिर यह आंदोलन जांजगीर-चांपा जैसे जिलों में शिक्षा व्यवस्था को ठप करने की ओर ले जाएगा?

### ✍️ निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ के 43 हजार से अधिक अंशकालिक सफाई कर्मचारी, जिनमें जांजगीर-चांपा जिले के सैकड़ों कर्मचारी शामिल हैं, आज दोराहे पर खड़े हैं। या तो सरकार उनकी सेवा शर्तों को सुधारते हुए सम्मानजनक रोजगार दे या फिर ये कर्मचारी सड़क पर उतरकर हक की लड़ाई लड़ेंगे।

CitiUpdate के लिए जांजगीर-चांपा से समीर खूंटे की रिपोर्ट।