चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन प्रेमाबाग दुर्गा मंदिर प्रांगण में देवराहा बाबा सेवा समिति द्वारा कन्या भोज हवन तथा भव्य भंडारे का आयोजन किया गया।

बैकुंठपुर। चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन मंदिरों में भक्तों की जबरजस्त भीड़ देखने को मिली जहां हजारों के संख्या में भक्त माता रानी के दर्शन के लिए पहुंच कर सुख शांति समृद्धि की कामना की गई सुबह से ही मंदिरों में भक्त का आना जाना लगा रहा मदिरो के बाहर भी प्रसाद के लिए दुकानें भी लगी थी जहां से भक्त द्वारा पूजा की सामग्री सहित माता रानी के लिए चुनरी की खरीदी की गई, प्रेमाबाग प्रांगण में देवराहा बाबा सेवा समिति द्वारा कन्या भोज का आयोजन रखा गया था जिसमें काफी संख्या में कन्या उपस्थित थी जिन्होंने कन्या भोज किया ।

मंदिरों में नवरात्र में जावरा का क्या महत्व है

नवरात्रि में जौ (जवारे) बोने का विशेष महत्व है क्योंकि इसे सृष्टि की पहली फसल माना जाता है, जो सुख-समृद्धि और उर्वरता का प्रतीक है.

धार्मिक मान्यता

पौराणिक कथाओं के अनुसार, सृष्टि की रचना के बाद सबसे पहले जौ उगी थी, इसलिए इसे पूर्ण फसल माना गया है

जौ को ब्रह्म का रूप भी माना जाता है, इसलिए देवी-देवताओं की पूजा में जौ का प्रयोग शुभ माना जाता है।