मनरेगा के तहत तालाब खोदाई को मिली थी वित्तीय स्वीकृति

मनरेगा के तालाब को पोकलैंड मसीन से खोदकर एक्सप्रेस वे को लेखपाल ने बेंच दी गई मिट्टी

ऊंचाहार,रायबरेली।ग्रामीण मजदूरों की जीविका के लिए मनरेगा योजना में रोहनिया विकास खंड के गांव सराय अख्तियार में बड़ा खेल सामने आया है।मनरेगा के तहत सरोवर के खोदाई का काम रात में पोकलैंड मसीन से किया गया ,और सारी मिट्टी गंगा एक्सप्रेस वे के ठेकेदार के हाथ बेंच दी गई।यह काम प्रधान और लेखपाल मिलकर किया है।इसमें अब बीडीओ ने जांच के आदेश दिए है।सराय अख्तियार गांव में कर्बला नाम से बड़ा तालाब है।इसकी खोदाई के लिए मनरेगा के तहत कार्य योजना बनी थी । जिसमें स्टीमेट तैयार करके उसकी वित्तीय स्वीकृति ली गई।उसके बाद इस तालाब में काम नहीं शुरू हो पाया था कि ग्राम प्रधान और लेखपाल ने मिलकर इसकी सौदेबाजी कर डाली।गांव के थोड़ी दूर पर गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण चल रहा है । जिसमें इस समय मिट्टी की भराई का काम चल रहा है।गांव के दोनो जिम्मेदारों ने एक्सप्रेस वे के ठेकेदार से मिलकर रात में इस तालाब की पोकलैंड मसीन से खोदाई करके डंफर द्वारा सारी मिट्टी एक्सप्रेस वे में भेजवा दी।मनरेगा के कार्य की इस खुली डकैती का ग्रामीणों ने विडियो बना लिया।उसके बाद जब वीडियो वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया।मामला जब खंड विकास अधिकारी की जानकारी में आया तो उन्होंने इसकी प्रारंभिक जांच कराई , उसके बाद मामला एसडीएम तक पहुंचा।अब ग्राम प्रधान का कहना है कि तालाब की खोदाई श्रमिकों द्वारा की गई है ।जबकि वायरल विडियो को वह झूठा बता रहा है। उधर खंड विकास अधिकारी सुनील कुमार सिंह का कहना है कि मामले की उन्हें कोई जानकारी हुई थी।इसमें जांच कराई गई और पूरा प्रकरण उच्चाधिकारियों को लिखित रूप में भेजा गया है इसमें लेखपाल की बदमासी सामने आई है।इसकी विस्तृत जांच कराई जायेगी।