टीएससीटी के संस्थापक में परिजनों से पैसे लेने के आरोप का किया खंडन  

अमेठी। शिक्षकों की मृत्यु पर उनके परिजनों को सहायता देने के लिए बनी टी एस सी टी की टीम पर गंभीर आरोप लगे।जिसका खंडन करते हुए संस्थापक विवेकानंद ने किया।

मामला बरेली प्रकरण से संबंधित है। जहां पर शिक्षक की मृत्यु के बाद उनके परिजनों सहित प्रांतीय व जिला टीम के सहयोग से श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया ।जिसमें बरेली जिले की टीम पर पैसे लेने का आरोप लगा ।जिसे कुछ समाचार पत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया इ।सको खबर के वायरल होते ही टीएससीटी की कोर टीम ने संज्ञान लेते हुए परिजनों द्वारा स्वत दिए गए पैसे को वापस कराया ।

बरेली प्रकरण पर टीचर सेल्फ केयर टीम के संस्थापक सदस्य विवेकानंद ने मीडिया को बताया कि साथियों आज न्यूज में एक खबर आई है उसे और एक एसएमएस तथा एक ऑडियो वायरल की जा रही है जिसमें पूरा सच नही हैं नैतिक आधार पर पूरा सच मैं आपके समक्ष रख रहा हूं। सबसे पहले स्पष्ट करना चाहूंगा कि श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाना अनिवार्य नहीं है ।यह जिले टीम की इच्छा पर निर्भर करता है जिसका पूरा खर्च का कुछ हिस्सा प्रांतीय टीम उठाती है तथा कुछ हिस्सा जिला टीम और ब्लॉक टीम उठाती है और कहीं कहीं सदस्य भी मदद कर देते हैं। श्रद्धांजलि सभा के क्रम में 28 जनवरी को बरेली में भी कार्यक्रम रखा गया था।उक्त कार्यक्रम के जिला टीम द्वारा परिवारों को भी आमंत्रित किया गया परिवारों द्वारा कार्यक्रम को रूपरेखा जानने के बाद कार्यक्रम में अपना सहयोग की स्वतः इच्छा जताई जिसे जिला टीम ने स्वीकार भी कर लिया था। उक्त कार्यक्रम में आने वाले खर्च में परिवार ने भी अपना योगदान दिया। (सभी ने नहीं जिसकी इच्छा थी उन्होंने दिया)।जो भी धन लिया गया था वो कार्यक्रम के लिए था जिसकी पुष्टि खुद सवाल खड़े करने वाला परिवार भी कर रहा है और मान भी रहा है कि पैसा तो कार्यक्रम में ही खर्च हुआ है और ज्यादा ही खर्च हुआ है।इसकी जानकारी प्रांतीय टीम को होने पर मैने खुद परिवार से बात की और उन्हें कहा कि टीम द्वारा ऐसा कोई नियम नही है की कार्यक्रम में आने वाले खर्च में आपसे योगदान लिया जाए।जानकारी प्राप्त होने पर जिला टीम को दिशानिर्देश दिया गया कि खर्च का वहन प्रांतीय टीम करती है अतः इनसे प्राप्त सहयोग को इनको वापस किया जाए, और परिवारों से प्राप्त सूचना अनुसार उनके पैसे उन्हे वापस किए जा चुके हैं।कुछ परिवार तो लेना ही नही चाह रहे थे फिर भी नियम विरुद्ध होने की बात कह कर उन्हे वापस किया गया है। क्योंकि कार्यक्रम के लिए भी पैसे लेना TSCT की मूल भावना के विरुद्ध है।

परिवारों से बात के क्रम में 4 परिवारों ने स्पष्ट कहा की हमसे कोई धन नही मांगा गया था क्योंकि कार्यक्रम हमारे परिवार के मुखिया का था तो हमने स्वेक्षा से कार्यक्रम के खर्च में अपना योगदान दिया है।मामले को बेवजह राजनैतिक कारणों से तूल दिया जा रहा है जबकि जानकारी होते ही उनके पैसे वापस करा दिया गया था। एक शाजिस के तहत TSCT की छवि खराब करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।किसी प्रकार का फ्रॉड या सहयोग के बदले किसी प्रकार का धन ना तो अब तक लिया गया है और ना ही भविष्य मे कभी लिया जाएगा बल्कि कार्यक्रम में परिवार ने सहयोग दिया था। जिसकी जानकारी प्रांतीय टीम को भी नही थी। जिला टीम भी मामले की गंभीरता को नही समझ पाई और उन्ही के परिवारों के लिए कार्यक्रम था इसलिए ले लिया था जिसे जिला टीम वापस भी कर चुकी है।