देवरिया सदर में अस्त-व्यस्त यातायात दूर्व्यवस्था के संक्षिप्त कारणों पर जनसेवक मंटू बाबू जायसवाल ने नगर पालिका व जिला प्रशासन की आंखें खोली

सिटी अपडेट संवाददाता- अतुल त्रिपाठी, जनपद देवरिया,

देवरिया जनपद के यातायात व्यवस्था में दर्जनों खामियों है जिसके कारण शहर की सड़को पा जाम लगती है परन्तु जिम्मेदार अपनी गलतियां छिपाने के लिए गरीब फूटपाथ व्यवसायियों को निशाना बनाती हैं। जरा ध्यान दे....
1- देवरिया नगर मे आज तक एक भी एक भी वाहन पार्किग नही बनाया गया क्यों?
2- नगर पालिका परिषद देवरिया के द्वारा संचालित सभी टैक्सी स्टैंड और टैम्पू स्टैंड मुख्य रोडो से संचालित होते है-?
3-नगर पालिका परिषद देवरिया के सभी कुड़ा डंपिंग यार्ड मुख्य रोडो पर ही है -क्यों?, साथ ही नगर पालिका के द्वारा प्रचार हेतू आवंटित अधिकांश होडिग और युनिक पोल मुख्य मार्गो पर बेतरतीब तरीके से लगाये गये हैं -?
4-देवरिया मे बिजली विभाग के द्वारा असुरक्षित तरीके सभी सभी ट्रान्सफारमर मुख्य मार्गो पर ही लगाये गये है-?
5-देवरिया मे रेलवे का मालगोदाम बीच शहर मे ही है-?
6-देवरिया मे रोडवेज की बसे मुख्य मार्ग पर ही खड़ी होती है-?
7-देवरिया मे जिम्मेदार अधिकारीगणो के द्वारा बिना पार्किग के ही घनी आबादी के बीच मे बड़े-बड़े शॉपिंग माल बनवा दिये गये है जिनकी गाड़िया रोडो पर ही खड़ी होती है-?
8-देवरिया मे अधिकांश बैंक,और प्राईवेट नर्सिग होम, तमाम बड़े डाक्टरो के यहाँ वाहन पार्किग की कोई व्यवस्था नही है इनके वहाँ आने वाले मरीजों की गाड़ियाँ मेन रोडो पर ही खड़ी होती हैं ?
9-देवरिया के प्रमुख मार्गो पर उन लोगो की गाड़िया हमेशा खड़ी रहती है जिनके अपने घरो मे वाहन पार्किग की जगह नही है-?
10-देवरिया के घनी आबादी और मुख्य बाजारो मे नो इंट्री की व्यवस्था नही है और अगर कही है भी तो उसका कड़ाई से पालन नही कराया जाता है ?
11-देवरिया मे प्राईवेट दर्जनो स्कूल संचालित होते है और बच्चो को ले जाने और ले आने हेतू इन स्कूलो के पास सैकड़ो की संख्या मे बड़ी बड़ी बसे है लेकिन इनके लिए कोई स्थान चिन्हित नही है जिसके वजह से इन स्कूलो की बसें विभिन्न समयो पर विभिन्न मार्गो पर एक साथ अपने अपने स्कूल के बच्चो को ले जाती है और वापस छोड़ती है -?
12- देवरिया मे इस समय बेरोजगारी की वजह से ई रिक्शा की बेतहाश बृद्धि हुई है और छोटे छोटे बच्चे भी असुरक्षित तरीके से ई रिक्शा चला रहे है । देवरिया मे ई रिक्शा अनियंत्रित है और इनका कोई रूट भी निर्धारित नही किया गया है - इत्यादि।

देवरिया मे यातायात व्यवस्था सुगम बनाने के लिए क्या इन बिन्दुओ पर कार्य नही होने चाहिए-? क्या नगर पालिका का काम टैक्स वसूलना ही है? या नगर वासियों को सुविधा भी प्रदान करना है!
जबकि नगर पालिका द्वारा रसूखदार लोगों को बचाते हुए बड़े ही सहज तरीके से यातायात व्यवस्था के अवरोध हेतू बेचारे - फुटपाथ पटरी के दुकानदारो को दोषी ठहरा दिया जाता है ? और फिर नगर पालिका परिषद के द्वारा उनका उत्पीड़न शुरू कर दिया जाता है -क्या? बेचारे फुटपाथ-पटरी के दुकानदारो को अपने बच्चो के भरण पोषण करने का अधिकार नही -क्या ? वह वह हमारे समाज के नही है - क्या ? उनको जीवन यापन का अधिकार नही है -क्या ? उनके पास अगर आर्थिक स्थिति मजबूत होती तो वह फुटपाथ- पटरी पर व्यापार कर रहे होते- या सरकार को उनको लोन दिलाना पड़ता ।
आप ही सोचिए अगर उनकी जीविका के संसाधनो को तोड़ दिया जायेगा या उनको हटा दिया जायेगा तो वह अपने व अपने आश्रित परिजनो की जीविका कैसे चलायेगें ? अपने नैनिहाल बच्चो की परवरिश कैसे करेगें ?
और सरकार के द्वारा जो बैको से लोन दिलवाया गया है उसको वापस कैसे करेगें ।
अगर छोटे छोटे दुकानदार व उनके आश्रित परिजन व उनके परिवार के छोटे छोटे बच्चे भुखे रहेगें और बच्चो पढ़ाई बाधित होगी तो उनकी आत्मा रो रही है।