पीड़ित का बयान बदलने के लिए आरपीएफ की कोशिश जारी

ऊंचाहार,रायबरेली।मामला लखनऊ मंडल के ऊंचाहार रेलवे स्टेशन का है।शुक्रवार को तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा मदारीपुर निवासी उमेश कुमार ने रेलवे सुरक्षा कर्मी मनोज कुमार पाल पर मारपीट का आरोप लगाया है।

पीड़ित उमेश कुमार का कहना है कि रक्षाबंधन के अगले दिन वह अपनी बहन को रेलवे स्टेशन छोड़ने गया हुआ था।उसने अपनी मोटरसाइकिल को रेलवे स्टेशन पर एक किनारे चिन्हित स्थान पार्किंग स्थल पर खड़ी कर रखी थी।पीड़ित ने बताया कि जब वह अपनी बहन को ट्रेन पर बैठाकर बाहर आया तो उसकी मोटरसाइकिल गायब थी।जबकि उसी जगह अन्य वाहन खड़े थे।पीड़ित युवक ने जब पास में बैठे आरपीएफ के जवानों से अपनी मोटरसाइकल के बारे में पूछा तो वह झल्ला उठे और उसे अंदर कार्यालय की तरफ ले गए।कार्यालय के पास खड़ी अपनी बाइक को देखते ही पीड़ित युवक ने उसके पास जाकर बाइक को देखने लगा।तभी पीड़ित का आरोप है कि आरपीएफ जवान मनोज कुमार पाल ने उसकी पिटाई करना शुरू कर दिया।यही नहीं आरपीएफ अधिकारी मनोज कुमार पाल ने पीड़ित की लात घूंसों से से जमकर पिटाई की और बिना किसी वजह बताए उसे लॉकअप में बंद कर दिया। प्रदेश में पुलिस विभाग पर आए दिन लोगो को परेशान करना व बेवजह लोगो को प्रताड़ित करने का आरोप तो आम बात हो गई है।लेकिन रेलवे विभाग भी अब किसी से कम नहीं है। उक्त मामले की खबर शनिवार को प्रकाशित होने से जब विभाग की किरकिरी होने लगी तो पीड़ित उमेश कुमार ने बताया कि अब आरपीएफ ने रविवार के दिन पीड़ित को बुला कर उससे बयान बदलने का दबाव बना रही है और मीडिया के सामने दिए गए अपने बयान को गलती स्वरूप मानने के लिए सादे कागज पर उससे दस्तखत करवा लिए हैं और धमकियां भी दी।बयान बदलने का वीडियो भी दी गई। पीड़ित ने कहा कि इस तरह के दबाव से वह और उसका परिवार डरा सहमा हुआ है।
उक्त मामले में बीती शनिवार को जब आरपीएफ इंस्पेक्टर ऊंचाहार मनोज कुमार भारद्वाज से फोन पर बात की गई थी तो उन्होंने बताया था कि पीड़ित द्वारा लगाया गया मारपीट का आरोप गलत है, उमेश कुमार के विरुद्ध नो पार्किंग जोन में वाहन खड़ा करने पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज है।