कुरावली से विदा हुए सतेंद्र सिंह, लोगों के दिलों में बनाई थी एक अलग जगह

स्थानांतरण होने पर उपनिरीक्षक को दी विदाई

पंकज शाक्य

कुरावली/मैनपुरी- जनपद मैनपुरी के थाना कोतवाली क्षेत्र के जमलापुर चौकी पर इंचार्ज के पद पर तैनात उपनिरीक्षक सत्येंद्र सिंह का स्थानांतरण होने पर कोतवाल सहित थाना के अन्य स्टाफ व नगर के लोगो द्वारा उन्हें विदाई दी गई। उनके विदाई समारोह में नगर के लोग उमड़ पड़े। इस दौरान स्टाफ सहित नगर के लोगों द्वारा माल्यार्पण व उपहार देकर उनका भव्य स्वागत किया गया।

वहीं विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कोतवाल विनोद कुमार ने कहा कि उपनिरीक्षक सत्येंद्र सिंह का कार्यकाल कोतवाली में हमेशा याद रखा जाएगा। उनके अपने कार्यकाल के दौरान कभी किसी पीड़ित को उन्होंने निराश नहीं किया। उन्होने हमेशा ही पीड़ितो की मदद की है। उनके शासनकाल में जमलापुर क्षेत्र की कानून व्यवस्था भी बहुत बेहतर रहीं। उन्होने गुंडाकिस्म के लोगो को कभी बक्सा नहीं, उनपर कड़ी कार्रवाई करके सलाखों के पीछे भेजने का काम किया। उनके स्थानांतरण होने पर उन्हें सत्येंद्र सिंह की कमी हमेशा महसूस होती रहेगी।

कुरावली से बिछवां हुआ स्थानांतरण

ज्ञात हो कि कोतवाली क्षेत्र की जमलापुर चौकी इंचार्ज के पद पर पिछले एक बर्ष से तैनात रहे सत्येंद्र सिंह का स्थानांतरण प्रशासन द्वारा बिछवां थाना क्षेत्र की हन्नूखेड़ा चौकी पर किया गया हैं। रविवार को कोतवाली परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उप निरीक्षक सत्येंद्र सिंह को विदाई देने के लिए नगर के गणमान्य लोग उमड़ पड़े। पुलिसकर्मियों तथा लोगों द्वारा उपनिरीक्षक का माल्यार्पण कर व शॉल ओढ़ाकर तथा उपहार भेंटकर सम्मान किया गया।

वहीं इस मौके पर कोतवाल विनोद कुमार, क्राइम इंस्पेक्टर भूपेंद्र सिंह, उपनिरीक्षक भूपेंद्र सिंह सिरोही, सत्य प्रकाश, खुशीराम, जितेंद्र पाल सिंह, शैलेंद्र सिंह राठौर, पूर्व चेयरमैन अभिलाख सिंह राठौर, कुरावली के प्रमुख समाजसेवी आलोक गुप्ता, हाजी मो. रिजवान कुरैशी, अब्दुल नवी उर्फ छुट्टन अंसारी, मुकेश कश्यप, संजय जैन आदि मौजूद रहे।

लोगों के दिलों में बनाई थी एक अलग जगह

यदि हम श्री सिंह के स्वभाव की बात करें तो उनमें एक अलग ही बात थी। वह पीड़ितों को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए उनकी समस्या को सुनते थे। जिसके बाद पीड़ित को हर हाल में न्याय दिलाने की ठानते हुए, उसे न्याय दिलाते थे। जिसके चलते लोगों के दिलों में उनके लिए एक अलग जगह बन जाती थी।

बेहद कम होते हैं ऐसे अधिकारी

वहीं उनकी विदाई के दौरान मौजूद क्षेत्रीय लोगों ने कहा कि ऐसी कार्यशैली वाले बेहद ही कम अधिकारी होते हैं, जो पीड़ितों की अपने परिवार की तरह समस्या मान कर उन्हें न्याय दिलाने का काम करते थे। उनकी विदाई से वहां पर मौजूद लोगों की आखें नम हो गईं थीं।