राजस्व विभाग की मनमानी का आलम लेन देन बगैर नहीं होता कोई काम ,रोज बढ़ते लंबित मामले

कलेक्टर व लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू नहीं होता,मातहतों की मनमानी पर ध्यान नहीं

विक्की तिवारी अम्बिकापुर 02 जुलाई2023। अजीब संयोग है जहां पर राजस्व विभाग के कमिश्नर से लेकर कलेक्टर और पूरा महकमा व दफ्तर संचालित होता है,जब वही अधिकारियो के निर्देश, शासन द्वारा आमजन के लिए तय समय-सीमा में कार्यों को पूर्ण करने हेतु लोक सेवा गारंटी अधिनियम जैसे तमाम प्रावधान लागू हैं लेकिन उनकी निगाहों के नीचे कार्यरत राजस्व अधिकारी व कर्मचारी जबतक किसी मामले पर अतरिक्त चढ़ावा या कहें रिश्वत नहीं मिलती वह एक कोने में फाइल जस का तस बेसुध पड़ा हुआ रहता है। दरअसल सरगुजा संभाग में जमीन और प्रॉपर्टी से जुड़े सीमांकन, नामांतरण, बटवारा, बंदोबस्त और डायवर्शन से संबंधित राजस्व विभाग में लाखों मामले लंबित पड़े हुए हैं। यह मामले सीधे लोगों से जुड़े हुए हैं और पीड़ित राजस्व विभाग के चक्कर काट रहे हैं। हालात यह है कि अकेले सरगुजा संभाग में एक लाख से ज्यादा प्रकरण लंबित हैं जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादातर लंबित मामले 2 से 3 साल के बीच-बताया गया है कि ज्यादातर लंबित प्रकरण दो से तीन साल के बीच के हैं। इनमें सीमांकन, नामांतरण, बटवारा, व्यवस्थापन,डायवर्सन तथा जमीन विवाद से जुड़े मामले सबसे ज्यादा है। अकेले अंबिकापुर में समीक्षा की जाए तो नामांतरण के 350 से 400, सीमांकन के 300, बटवारा के 300, डायवर्शन के 250 से 300 प्रकरण लंबित पड़े हुए हैं। इसका महज एक ही कारण है कि, सालों से राजस्व विभागों में तहसीलदार, पटवारी और बाबू जमे हुए हैं जो बिना लेनदेन के किसी भी मामले का निराकरण करना उचित नहीं समझते हैं। इस दौरान कुछ अधिकारियों कर्मचारियों के तबादले भी शासन के द्वारा यह सोच कर किए गए कि, काम में तेजी आएगी पर व्यवस्था पुराने ढर्रे पर ही संचालित हो रही है। इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जिले के कलेक्टरों को चेतावनी दी थी कि,फरवरी माह में सभी पेंडिंग प्रकरणों का निराकरण अपने स्तर पर करा लिया जावे अन्यथा वहां के कलेक्टरों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी, संभाग में जमीन से जुड़े मामलों को लेकर शिकायतें लगातार मिल रही है। जिसे लेकर राजस्व विभाग में कुछ दिन हलचल दिखी, लेकिन फिर से विभाग में सुस्ती दिखाई दे रही है, जिसके कारण सरगुजा संभाग में एक लाख से ज्यादा जमीन से संबंधित मामले ठंडे बस्ते में पड़े हैं। इसका दूसरा कारण यह भी है कि राजस्व विभाग में कोई भी काम बिना लेनदेन के संभव नहीं होता है, लेन-देन नहीं करने पर ना तो फाईलें आगे बढ़ती हैं और ना ही कोई अधिकारी कर्मचारी किसी भी काम को करने में अपनी रुचि दिखाते हैं।

राजस्व विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा अंबिकापुर कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर एक बोर्ड चस्पा किया गया है जिसमें अंकित किया गया है भूमि दलालों से सावधान, किसी भी प्रकार के लेनदेन की समस्या होने पर बोर्ड में अंकित नंबरों पर संपर्क करें, परंतु इस और तनिक भी ध्यान नहीं दिया गया है कि जब विभाग में ही घूसखोर, भ्रष्टाचारी अधिकारी कर्मचारी लंबे समय से जमे हुए हैं तो इस समस्या से मुक्ति किस प्रकार मिलेगी। बहरहाल सरकार के नुमाइंदे और राजस्व विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों पर जमीन संबंधित मामले सवालिया निशान खड़ा करते हैं।