गंगाझरी - गोंदिया - गुदमा तीसरी रेल लाइन और गोंदिया रेल ओवर रेल (आरओआर) को मिली मुख्य संरक्षा आयुक्त की स्वीकृति: संचालन क्षमता और संरक्षा में ऐतिहासिक उन्नयन

गंगाझरी - गोंदिया - गुदमा तीसरी रेल लाइन और गोंदिया रेल ओवर रेल (आरओआर) को मिली मुख्य संरक्षा आयुक्त की स्वीकृति: संचालन क्षमता और संरक्षा में ऐतिहासिक उन्नयन

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के नागपुर रेल मंडल अंतर्गत गंगाझरी - गोंदिया - गुदमा खंड पर 25.78 किमी लंबी तीसरी रेल लाइन और गोंदिया रेल ओवर रेल (आरओआर) को मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) द्वारा सफल निरीक्षण उपरांत संचालन की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह खंड राजनांदगांव - कलमना तीसरी रेल लाइन परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 228 किलोमीटर है।

इस परियोजना के अंतर्गत गंगाझरी से लेकर गोंदिया और फिर गुदमा तक का सेक्शन अब तीन लाइनों से युक्त हो गया है, जिससे इस मार्ग पर यातायात का दबाव काफी हद तक कम होगा। तीसरी लाइन से ट्रेनों का निर्बाध परिचालन सुनिश्चित होगा, जिससे समयबद्धता और संरक्षा के क्षेत्र में सीधा लाभ प्राप्त होगा।

प्रमुख तकनीकी विशेषताएँ एवं लाभ

इस खंड पर तीसरी लाइन के जुड़ने से ट्रेनों के संचालन में द्वि-दिशात्मक गतिशीलता आएगी, ट्रेनों के क्रॉसिंग एवं ओवरटेक की आवश्यकता भी न्यूनतम होगी।

गोंदिया यार्ड रिमॉडलिंग के माध्यम से गोंदिया को एक मल्टी-डायरेक्शनल इंटरचेंज स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है। यह खंड विशेष रूप से दुर्ग, नागपुर, बल्हारशाह और जबलपुर की ओर सुगम परिचालन के लिए रणनीतिक महत्व रखता है।

इस परियोजना के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, ओएचई प्रणाली का उन्नयन, तथा ऑटो सिग्नलिंग जैसे अत्याधुनिक तकनीकी कार्य किए गए हैं, जिससे परिचालन संरक्षा और दक्षता दोनों में गुणात्मक सुधार हुआ है।

इस खंड पर गोंदिया रेल ओवर रेल (आर ओआर) संरचना के चालू होने से जबलपुर की दिशा से आने वाली ट्रेनें बिना किसी सतही क्रॉसिंग के बल्हारशाह की ओर प्रस्थान कर सकेंगी, जिससे संरक्षा में क्रांतिकारी सुधार होगा और समयबद्धता में वृद्धि सुनिश्चित होगी।

साथ ही, गोंदिया माल गोदाम की लाइन संख्या 10 का विस्तार कर उसे संपूर्ण रैक अनलोडिंग/लोडिंग के लिए सक्षम किया गया है, जो माल यातायात को सुगम बनाएगा।

इस परियोजना से न केवल रेलवे के परिचालन मानकों सुधार होगा, बल्कि यह अंचल के यात्रियों एवं व्यापारिक गतिविधियों को भी सीधा लाभ पहुँचाएगा। औद्योगिक माल परिवहन की गति में वृद्धि से क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा प्राप्त होगी।