पति को जीवन देने के लिए पत्नी ने खतरे में डाल दी अपनी जान डूबने नहीं दिया अपना चांद पति को बचाने के लिए निशा ने दी एक किडनी

कुशीनगर आए दिन पति पत्नी के बीच झगड़े के मामले सामने आते रहते हैं कई बार यह स्थानीय स्तर पर सुलझा लिया जाता है तो कई बार इस झगड़े उनके बीच हमेशा के लिए दीवार खड़ा कर देता है आज मामूली बातों में पति-पत्?नी के बीच रिश्?ते दरकते जा रहे हैं. इन दरकते रिश्?तों के लिए कुशीनगर की एक महिला प्रेरणा की स्?त्रोत बन सकती है. महिला ने पति को बचाने के लिए अपनी जान तक दांव पर लगा दी. पूरा कहानी सुनेंगे तो आपभी हैरान रह जाएंगे.पति के बचने की गुंजाइश नहीं थी दरअसल, कुशीनगर के जटहा बाजार थाना क्षेत्र के पकहा मुसहरी टोला के रहने वाली ओम प्रकाश की शादी दो साल पहले निशा से हुई है. शादी के बाद सबकुछ ठीक चल रहा था कि पिछले साल एक बुरी खबर आ गई. जब निशा बीमार पति को दिखाने डॉक्?टरों के पास गई तो उसे पता चला कि ओम प्रकाश की किडनी खराब हो चुकी है. ओम प्रकाश अंतिम स्?टेज पर है. डॉक्?टरों ने बचने की गुंजाइश न के बराबर बताई. बावजूद इसके निशा ने पति की जिंदगी बचाने की जिद पर अड़ गई.किडनी प्रत्?यारोपड़ अंतिम विकल्?प था निशा ने डॉक्?टरों को चक्?कर लगाया तो पता चला कि एक मात्र रास्?ता किडनी प्रत्?यारोपड़ ही है. इस पर निशा तैयार हो गई. निशा पूरा चिकित्?सकीय प्रक्रिया जानकर प्रत्?यारोपड़ को तैयार हो गई. निशा ने डॉक्?टरों से कहा कि अपने पति के जीवन की रक्षा के लिए यदि उसे जान भी देनी पड़े तो कम है. फिर क्या था डॉक्?टर भी तैयार हो गए.निशा ने एक किडनी पर जीवन बिताने का लिया फैसला निशा अपने पति ओम प्रकाश की किडनी प्रत्?यारोपड़ के लिए लखनऊ के गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल जा पहुंची. चिकित्सकों से परामर्श के बाद किडनी का प्रत्यारोपण करा पति की जान बचाने में कामयाब हो गई. निशा ने अपनी एक किडनी देकर ओम प्रकाश की जान बचा ली. निशा के घर वालों के अनुसार, किडनी प्रत्यारोपण में करीब 12 लाख रुपये का खर्च आया, जो निशा ने अपने हिस्?से की जमीन बेचकर इलाज कराया.बेटे के सिर से पिता का उठने नहीं दिया साया किडनी प्रत्यारोपण करने वाले चिकित्सकों ने दोनों का स्वास्थ्य सामान्य बताया है. वहीं, निशा अपने पत्नी होने का धर्म निभाया तो कहानियों में सुने जाने वाली सावित्री का असल रूप भी देखने को मिला, जिसने एक मां बाप का पुत्र वापस लौटाया तो दूसरी तरह अपने एक वर्ष के पुत्र अर्नव के सिर से एक पिता का साया उठने से बचा लिया. निशा के इस हौंसले की हर तरफ तारीफ हो रही है.