राजस्थान/उदयपुर - 40 घंटे से मोर्चरी में शव, मुआवजे पर अड़े परिजन,गीतांजलि हॉस्पिटल उदयपुर में विवाहिता की मौत का मामला

उदयपुर। शहर के निजी गीतां​जलि हॉस्पिटल में विवाहिता की मौत का शव बीते 40 घंटे से एमबी हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखा है। परिजन बिना मुआवजा लिए शव उठाने को राजी नहीं है। मोर्चरी में पुलिस डिप्टी क्षिप्रा राजावत सहित चार थानाधिकारी और भारी पुलिस जाब्ता तैनात है। परिजनों और हॉस्पिटल के बीच मुआवजे को लेकर हुई वार्ता में सहमति नहीं बन पाई।

परिजनों का आरोप है कि हॉस्पिटल में डॉक्टर्स द्वारा इलाज में लापरवाही के कारण ही रक्षा कुंवर(36) की मौत हुई। वह खुद अपने पैरों पर चलकर दिखाने आई थी लेकिन इसके बाद उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई। मृतका के पति को कैंसर है और उसके दो बेटियां हैं। परिवार में आर्थिक सहारे के लिए उन्हें मुआवजा चाहिए। मोर्चरी में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी लगातार परिजनों से वार्ता कर रहे हैं लेकिन वे बिना मुआवजा लिए शव उठाने को तैयार नहीं हो रहे।

दो दिन पहले मौत के बाद हुआ था हंगामा

चित्तौड़गढ़ के भदेसर निवासी मृतक रक्षा कुंवर(36) की दो दिन पहले गीतांजलि हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। परिजनों ने डॉ अरुण गुप्ता पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हॉस्पिटल में जबर्दस्त हंगामा किया था। परिजनों ने बताया कि इंजेकशन लगाने के कुछ समय बाद महिला को बुरी तरह उल्टी-दस्त की दिक्कत हुई। मुंह में छाले हो गए और तबियत लगातार बिगड़ने लगी। इस पर जब वापस डॉक्टर को उनकी हालत बताई तो डॉक्टर ने उन्हें भर्ती कर लिया।

इसके बावजूद तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो आईसीयू में शिफ्ट किया। इस बीच परिजनों ने अहमदाबाद ले जाने के लिए भी कहा लेकिन डिस्चार्ज में देरी की गई। सोमवार दोपहर को महिला ने दम तोड़ दिया।